Wednesday, March 12, 2025

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ट्रंप के सरकारी कार्यदक्षता विभाग का हिस्सा नहीं होंगे विवेक रामास्वामी

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के साथ ही एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी अब ट्रंप के सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का हिस्सा नहीं होंगे। इसको लेकर व्हाइट हाउस ने सोमवार को बताया कि विवेक रामास्वामी अब सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का हिस्सा नहीं हैं। बता दें कि अपने मंत्रीमंडल के चयन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने विवेक रामास्वामी को एलन मस्क के साथ मिलकर सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का नेतृत्व करने के लिए चुना था। विवेक रामास्वामी के इस्तीफे के कारण पर प्रकाश डालते हुए डीओजीई के प्रवक्ता अन्ना केली ने कहा कि रामास्वामी ने विभाग में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, चूंकि अब उन्होंने ओहियो के गवर्नर के पद के लिए चुनाव लड़ने का इरादा जताया है, इसलिए उन्हें इस विभाग से बाहर होना पड़ रहा है।गौरतलब है कि भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने सबसे पहले राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला किया था। उन्होंने भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी भी पेश की थी। हालांकि उन्होंने अब ओहियो के गवर्नर के लिए चुनाव लड़ने का इरादा जताया है। इसलिए ट्रंप के राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण करने के कुछ ही घंटों बाद ही विवेक रामास्वामी को सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) से इस्तीफा देना पड़ा।

भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी बायोटेक कारोबार में जाना-माना चेहरा हैं। रामास्वामी दवाओं को विकसित करने के लिए बायोटेक कंपनी रोइवेंट साइंसेज चलाते हैं। उन्होंने 2016 की सबसे बड़ी जैव प्रौद्योगिकी फर्म मायोवैंट साइंसेज की स्थापना की थी। अप्रैल में कंपनी बनाने के बाद उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर की दवा और महिला बांझपन की दवा के लिए टाकेडा फार्मास्युटिकल्स के साथ एक सौदा किया था।

वह बायोफार्मा स्पेस में कई अन्य कंपनियों के संस्थापक भी हैं, जिनमें मायोवैंट साइंसेज, यूरोवेंट साइंसेज, एंजीवेंट थेराप्यूटिक्स, अल्टावेंट साइंसेज और स्पिरोवैंट साइंसेज शामिल हैं। 37 वर्षीय दूसरी पीढ़ी के भारतीय अमेरिकी ने कम ही समय में बायोटेक क्षेत्र में उनका नाम हो गया। 2015 में फोब्स पत्रिका के कवर पर उन्हें फीचर किया गया। फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, 2014 में 30 से कम उम्र वाले सबसे अमीर उद्यमियों में विवेक 30वें स्थान पर थे। वहीं 2016 में 40 से कम उम्र वाले 24वें सबसे अमीर उद्यमी थे।

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