Wednesday, November 12, 2025

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ट्रंप के मुकदमे की धमकी के बीच बीबीसी के समर्थन में उतरी ब्रिटेन सरकार

लंदन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मुकदमे की चेतावनी दिए जाने के बाद ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। इस विवाद के बीच ब्रिटेन सरकार ने बीबीसी का बचाव करते हुए कहा है कि संस्था की स्वतंत्रता और निष्पक्षता देश के लोकतंत्र की बुनियाद है। वहीं, बीबीसी ने विवादित रिपोर्ट में हुए गलत संपादन को स्वीकार करते हुए आधिकारिक तौर पर माफी मांगी है।
मामला हाल ही में प्रसारित एक साक्षात्कार से जुड़ा है, जिसमें ट्रंप के बयान को कथित रूप से संदर्भ से हटाकर प्रसारित किया गया था। रिपोर्ट के प्रसारण के बाद ट्रंप ने बीबीसी पर “राजनीतिक पक्षपात” का आरोप लगाया और अपने वकीलों के माध्यम से कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
ब्रिटेन के संस्कृति मंत्रालय ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार किसी भी मीडिया संगठन की संपादकीय स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करेगी, लेकिन उम्मीद करती है कि बीबीसी अपनी पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखे। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “बीबीसी ब्रिटेन की लोकतांत्रिक परंपरा का एक अहम स्तंभ है। गलतियां किसी से भी हो सकती हैं, लेकिन पारदर्शिता और जवाबदेही ही मीडिया की साख का आधार है।”
बीबीसी ने अपनी वेबसाइट पर जारी बयान में कहा कि संबंधित साक्षात्कार में संपादन प्रक्रिया के दौरान तकनीकी त्रुटि हुई, जिससे ट्रंप के बयान का अर्थ आंशिक रूप से बदल गया। चैनल ने कहा, “हम किसी भी तरह की गलतफहमी या असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हैं। हमारा उद्देश्य कभी भी किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं था।”
अमेरिकी मीडिया सर्किलों में इस विवाद ने व्यापक बहस छेड़ दी है। ट्रंप के समर्थकों ने बीबीसी पर “एंटी-ट्रंप नैरेटिव” फैलाने का आरोप लगाया है, जबकि पत्रकारिता संगठनों ने बीबीसी के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि माफी मांगना जवाबदेह पत्रकारिता का संकेत है, न कि कमजोरी।
विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय मीडिया और राजनीतिक नेतृत्व के बीच तनावपूर्ण संबंधों को फिर उजागर करता है। बीबीसी पहले भी ट्रंप प्रशासन से जुड़े कवरेज के कारण विवादों में रह चुका है।
ब्रिटिश सरकार का यह समर्थन न केवल संस्था की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा के संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है।

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