डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है। 20 जनवरी 2025 को वह राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। उनके शपथ लेने से पहले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए यात्रा प्रतिबंध की चिंताएं बढ़ रही हैं। 2023-2024 शैक्षणिक वर्ष में अमेरिका में 1.1 मिलियन अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं, और विश्वविद्यालय संभावित व्यवधानों को कम करने के लिए सावधानी बरत रहे हैं। कुछ संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को सलाह दी है कि वे 20 जनवरी से पहले परिसर में वापस लौट आएं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि ट्रंप के पिछले कार्यकाल में यात्रा प्रतिबंध लागू हुआ था, जिसके चलते कई छात्र विदेश में फंस गए थे। हालांकि भारत और चीन फिलहाल ट्रंप की लक्षित देशों की सूची में नहीं हैं, लेकिन विश्वविद्यालय सतर्क हैं। कॉर्नेल विश्वविद्यालय ने चेतावनी दी है कि चीन और भारत सहित नए देशों को सूची में जोड़ा जा सकता है। यह चेतावनी इसलिए भी महत्व रखती है क्योंकि भारत ने 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के दौरान 3.3 लाख छात्रों को अमेरिका भेजकर चीन को पीछे छोड़ दिया है। ट्रंप की आप्रवासन नीतियों ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की चिताएं बढ़ा दी हैं। ट्रंप के प्रस्तावों में ईरान, लीबिया, इराक, सूडान, सोमालिया, सीरिया, यमन जैसे मुस्लिम-बहुल देशों के लोगों पर यात्रा प्रतिबंध का विस्तार करना शामिल है। इसके अलावा उन्होंने कट्टरपंथी अमेरिकी विरोधी और यहूदी विरोधी विदेशी छात्रों के वीजा रद्द करने का सुझाव दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि अमेरिकी कॉलेजों से स्नातक करने वाले विदेशी नागरिक कांग्रेस की मंजूरी मिलने तक स्वचालित रूप से ग्रीन कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।
इन अनिश्चितताओं के बीच, विश्वविद्यालय सक्रिय कदम उठा रहे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने छात्रों को ट्रंप के शपथ लेने से एक सप्ताह पहले अमेरिका लौटने का निर्देश दिया है।