Tuesday, May 20, 2025

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टेरिटोरियल आर्मी को आ सकता है बुलावा

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव अब काफी ज्यादा भयंकर स्तर पर पहुंच चुका है। इस बीच केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख को एक बड़ा अधिकार दिया है। इस अधिकार के तहत सेना प्रमुख टेरिटोरियल आर्मी के हर अफसर और जवान को अपनी जरूरत के मुताबिक किसी मिशन में लगा सकते हैं। सेना प्रमुख इनसे किसी भी तरह का काम करा सकता हैं, जो आर्मी चाहती हो, चाहे तो रेगुलर आर्मी की मदद के लिए भी इनकों तैनात किया जा सकता है। टेरिटोरियल रूल्स 1948 के नियम 33 के तहत रक्षा मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। इसके लिए एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है।

टेरिटोरियल आर्मी (TA) वे लोग होते हैं, जो अपनी आम नौकरी के साथ-साथ सेना की ट्रेनिंग लेते हैं। ये लोग जरूरत पड़ने पर देश की सुरक्षा के लिए तैयार रहते हैं। टीए में अभी 32 इन्फैंट्री बटालियन हैं, जिनमें से 14 को अब अलग-अलग कमांड्स में तैनात किया जा सकता है। इनमें साउथर्न, ईस्टर्न, वेस्टर्न, सेंट्रल, नॉर्दर्न, साउथ वेस्टर्न कमांड के अलावा अंडमान-निकोबार और आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) शामिल हैं। इनकी तैनाती तभी होगी, जब इनके लिए कोई बजट सरकार देगी।

रक्षा मंत्रालय और इसके साथ कोई भी मंत्रालय अपने जरूरत के लिए टेरिटोरियल आर्मी को अगर बुलाए तो उसका पैसा वही मंत्रालय को देना होगा. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इस वक्त अपने चरम पर है और ऐसे समय में भारत सरकार द्वारा टेरिटोरियल आर्मी का फैसला लेना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भारत ने आतंकियों का सफाया करने का प्रण लिया है और इसी दिशा में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक कर 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया है। इस समय टेरिटोरियल आर्मी की अहमियत काफी ज्यादा बढ़ जाती है। टेरिटोरियल आर्मी की मदद से भारत की सैन्य शक्ति को और भी ज्यादा ताकत मिलेगी। टीए के जवान न सिर्फ सुरक्षा में मदद कर सकते हैं, बल्क रेगुलर आर्मी को भी सपोर्ट कर सकते हैं।

 

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