Thursday, March 20, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

जी-20 की अखंडता बनाए रखने के लिए जयशंकर ने किस चीज को बताया जरूरी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ध्रुवीकृत वैश्विक स्थिति के बीच जी-20 समूह की अखंडता बनाए रखने में भारत और चीन के संयुक्त प्रयासों पर शुक्रवार को जोर दिया। दरअसल, जयशंकर जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की दो दिवसीय यात्रा पर जोहान्सबर्ग में हैं। उन्होंने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा, ‘हमें यह समझना चाहिए कि ध्रुवीकृत वैश्विक स्थिति में दोनों देशों ने एक संस्था के रूप में जी-20 को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए कड़ी मेहनत की है। यह अपने आप में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को प्रमाणित करता है।’ दक्षिण अफ्रीका 2025 के लिए जी-20 की मेजबानी कर रहा है। इस बैठक से पूरे वर्ष के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत होगी। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी-20 वैश्विक अर्थव्यवस्था को उसके समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका, अफ्रीकी संघ और यूरोपीय संघ शामिल हैं।चीनी विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, वांग ने कहा कि पिछले साल रूस के कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सफल बैठक के बाद दोनों देशों के बीच सभी स्तरों पर आदान-प्रदान व्यवस्थित तरीके से बहाल हो गया है। सीमा मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक में विशिष्ट मतभेदों को उचित तरीके से निपटाने पर आम सहमति बन गई है। वांग ने कहा कि यह दोनों देशों के लोग भी यही चाहते हैं कि वे आपसी विश्वास बहाल करें। अपने संबोधन में वांग ने पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच हुई बैठक को द्विपक्षीय संबंधों में पिछले वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण बात बताया। उन्होंने कहा, ‘यह संबंध सुधार की दिशा में और आगे की ओर अग्रसर है।’

Popular Articles