लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क 1ए के लिए इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण अमेरिकी कंपनी जीई के साथ जीई-414 इंजन के सौदे की कीमत बढ़ने की संभावना है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और जीई एलसीए मार्क-2 विमान के लिए 98 किलो न्यूटन थ्रस्ट वाला जीई-414 इंजन तैयार करने पर चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि एलसीए मार्क 1ए के लिए उपयोग किए जाने वाले जीई-404 इंजन की आपूर्ति पहले ही 18 महीने से अधिक देर हो चुकी है। जहां मार्च 2025 तक इसकी आपूर्ति शुरू होने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने बताया कि इस देरी के कारण अब जीई-414 इंजन के सौदे की कीमत बढ़ सकती है। जीई-414 इंजन की परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम के लिए आवश्यक है। अमेरिकी कंपनी को आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण जीई-404 इंजन की आपूर्ति में देरी हुई है। इन देरीयों के कारण भारतीय वायुसेना की तैयारियां प्रभावित हो रही हैं। दक्षिण मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए एक समिति बनाई है, जो तीन महत्वपूर्ण लड़ाकू विमान परियोजनाओं पर काम कर रही है। इसमें एलसीए मार्क 1ए, एलसीए मार्क-2 और एएमसीए (पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान)।
बता दें कि भारतीय वायुसेना ने पहले ही 83 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है और अब 97 और विमानों पर काम हो रहा है। एएमसीए परियोजना भारतीय वायुसेना के लिए भविष्य में महत्वपूर्ण होगी।