कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को बताया कि जाति जनगणना रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए 17 अप्रैल को कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में चर्चा के बाद ही वह जाति रिपोर्ट पर बात करेंगे। तब तक इससे संबंधित किसी भी बात पर टिप्पणी करना सही नहीं है। सिद्धारमैया ने बंगलूरू में संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर की 135वीं जयंती पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि कर्नाटक कैबिनेट ने 11 अप्रैल को सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण, जिसे संक्षेप में ‘जाति जनगणना’ कहा जाता है, को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘हमने इस एकमात्र विषय पर चर्चा के लिए 17 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। वहां हम चर्चा करेंगे। चर्चा के बाद मैं इस विषय पर बोलूंगा।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एच कंथाराजू को जाति जनगणना रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया था। सर्वे का काम सिद्धारमैया के पहले कार्यकाल के अंत में यानी 2018 में पूरा हुआ। कंथाराजू के उत्तराधिकारी के जयप्रकाश हेगड़े ने फरवरी 2024 में जाति रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया। 11 अप्रैल को कर्नाटक कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। पत्रकारों से बात करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने भाजपा के आरोप को निराधार बताया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आंबेडकर को हराया था। उन्होंने आंबेडकर द्वारा लिखे गए एक पत्र का जिक्र किया। सिद्धारमैया ने बताया कि आंबेडकर ने अपने पत्र में कहा था कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर और कम्युनिस्ट नेता श्रीपाद अमृत डांगे उनकी हार के लिए जिम्मेदार हैं।
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि भाजपा महात्मा गांधी, बीआर आंबेडकर, भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसी महान हस्तियों को अपना बताने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन्होंने आंबेडकर का विरोध किया, महात्मा गांधी की हत्या की, भारतीय संविधान का विरोध किया। आज वे उन्हें अपना बताने की कोशिश कर रहे हैं और दिखावा कर रहे हैं कि वह उनके समर्थक हैं।