Thursday, May 22, 2025

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जाति जनगणना पर कांग्रेस का देशव्यापी अभियान

कांग्रेस ने जाति जनगणना के सियासी विमर्श की कमान अपने हाथ थामे रहने की रणनीति के तहत एक ओर भाजपा सरकार पर दबाव बनाए रखने की रणनीति अपनाई है तो दूसरी ओर देश भर में इसको लेकर जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत ही पार्टी ने सभी प्रदेश कांग्रेस इकाइयों को जातिवार जनगणना की घोषणा का श्रेय लेने के लिए 30 मई तक पूरे देश में विधानसभा स्तर पर रैलियों से लेकर हर घर दस्तक देने का अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

अभियान में कोई हीला-हवाली न हो, इसके मद्देनजर कांग्रेस नेतृत्व ने सभी प्रदेश कांग्रेस कार्यालयों में इसके लिए विशेष कंट्रोल रूम स्थापित करने तथा जिला स्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए भी कहा है।

जबकि भाजपा सरकार को बैकफुट पर रखने की अपनी रणनीति के तहत रविवार को कांग्रेस ने जातिवार जनगणना पर प्रधानमंत्री के यू-टर्न लेने का दावा करते हुए इसके लिए समय सीमा तय करने की चुनौती दी। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि पीएम मोदी द्वारा जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अचानक हताशा भरे यू-टर्न के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।

इसके तीन उदाहरण गिनाते हुए कहा 28 अप्रैल 2024 का प्रधानमंत्री का एक टीवी इंटरव्यू पहला है, जिसमें उन्होंने जातिवार जनगणना की मांग करने वालों को “अर्बन नक्सल” करार दिया था। दूसरा उदाहरण 20 जुलाई 2021 का है जब मोदी सरकार ने संसद में कहा था कि सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया है कि जनगणना में एससी-एसटी के अलावा अन्य किसी जाति की गणना नहीं की जाएगी।

तीसरे प्रमाण के तौर पर जयराम ने सुप्रीम कोर्ट में 21 सितंबर 2021 को मोदी सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें कहा गया था कि 2021 की जनगणना के दायरे से किसी भी अन्य जाति की जानकारी को बाहर रखना केंद्र सरकार का एक सतर्क नीतिगत निर्णय है।

कांग्रेस के दबाव में जातिवार जनगणना का फैसला लिए जाने का संदेश देने की कोशिश में जयराम ने तीन सवाल प्रधानमंत्री से पूछे: क्या वे ईमानदारी से स्वीकार करेंगे कि उनकी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में जातिवार जनगणना पर अपनी नीति में आधिकारिक रूप से बदलाव किया है? दूसरा, क्या संसद तथा देशवासियों को सरकार की नीति में बदलाव के पीछे के कारण बताएंगे? तीसरा, क्या जातिवार जनगणना के लिए समय सीमा तय करेंगे?

जातीय जनगणना पर केंद्र तथा भाजपा के बदले रुख की वजह से उसका सियासी एजेंडा हाथ से न निकल जाए, इसके मद्देनजर कांग्रेस ने सभी प्रदेश इकाइयों को अपने राज्यों में ‘संविधान बचाओ रैलियां’ करने का निर्देश दिया है।

इतना ही नहीं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में विशेष कंट्रोल रूम तथा जिलों में पर्यवेक्षकों को नियुक्त कर गतिविधियों की निरंतर रिपोर्ट हाईकमान को भेजते रहने के लिए कहा गया है।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से सभी प्रदेश इकाइयों को भेजे पत्र में विधानसभा स्तरीय रैलियां तथा घर-घर दस्तक अभियान 30 मई तक पूरा करने को कहा गया है।

इसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, वकीलों, दुकानदारों, स्वयं सहायता समूहों के बीच जाकर इस मुद्दे पर भाजपा के जातिवार जनगणना को लेकर विरोधी रुख और यू-टर्न को उजागर करने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से जातिवार जनगणना के लिए राहुल गांधी की राजनीतिक लड़ाई तथा कांग्रेस कार्यसमिति के प्रस्तावों को साझा करने की बात कही गई है ताकि सामाजिक न्याय के प्रति पार्टी की उच्च स्तर पर प्रतिबद्धता का संदेश दिया जा सके।

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