विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के साथ ही ताबड़तोड़ लिए गए फैसलों की हर तरफ चर्चा होती रही लेकिन विश्व मंच पर भारत की बढ़ती धाक भी साफ दिखी। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि उन्हें भारत और कुछ अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर वार्ता में सफलता की उम्मीद है। वहीं, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी कहा कि रणनीतिक साझेदारी को उन्नत करने के लिए जल्द ही भारत की यात्रा करेंगी। शोल्ज ने यूरोप के लिए दुनिया के हर हिस्से से सहयोग को जरूरी बताते हुए कहा कि एफटीए वार्ता पहले की तुलना में अब अधिक सफल होनी चाहिए। यूरोप अगर अन्य देशों और क्षेत्रों के साथ अधिक मुक्त व्यापार समझौते करता है तो मदद मिलेगी। शोल्ज ने ट्रंप के शपथ ग्रहण के दौरान कथित नाजी सैल्यूट वाले इशारे को लेकर अरबपति कारोबारी एलन मस्क पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि यूरोप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पक्षधर है। लेकिन अति-दक्षिणपंथी रुख का समर्थन नहीं किया जा सकता है।यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनसे कहा है कि वह युद्ध समाप्त करना चाहते हैं। अब देखना होगा कि क्या युद्ध से बाहर निकलने के लिए उनके पास कोई स्पष्ट दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बातचीत की मेज पर आएं। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि हम समान नहीं हैं। हम पीड़ित हैं और पुतिन आक्रमणकारी हैं। हमने युद्ध शुरू नहीं किया, उन्होंने किया। लेकिन हम युद्ध खत्म करना चाहते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें इसका कोई अंदाजा नहीं है कि ट्रंप के दिमाग में क्या चल रहा है और वह युद्ध को कैसे खत्म कर सकते हैं।
विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक और चेयरमैन क्लॉस श्वाब ने दुनिया को ज्ञान युग के लिए तैयार करने को एक मजबूत वैश्विक सहयोग की वकालत की। डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक में विश्व नेताओं का स्वागत करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि अपने समाज पर भरोसे को बहाल किया जाना चाहिए, जिसमें निराशावाद तथा नकारात्मकता के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से औद्योगिक युग से ज्ञान युग की तरफ बढ़ रही है, जिसमें रचनात्मक आशावाद के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।