Wednesday, December 31, 2025

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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED की बड़ी कार्रवाई, 100 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्तियां कुर्क

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच तेज करते हुए एक बड़ी दंडात्मक कार्रवाई की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत इस मामले में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त (Attach) कर लिया है। जब्त की गई संपत्तियों में जमीन, आलीशान मकान और कई बैंक खाते शामिल हैं, जो इस घोटाले से जुड़े मुख्य आरोपियों और उनके करीबियों के नाम पर दर्ज थे।

घोटाले का मुख्य केंद्र और ED की जांच

ED की जांच में यह बात सामने आई है कि राज्य में शराब की बिक्री में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था। जांच एजेंसी का आरोप है कि सरकारी शराब की दुकानों से बेची गई अवैध शराब से करोड़ों रुपये का काला धन कमाया गया। इस सिंडिकेट में प्रभावशाली नौकरशाहों, राजनेताओं और निजी शराब कारोबारियों की मिलीभगत की बात कही जा रही है। ED का दावा है कि इस घोटाले के जरिए सरकारी खजाने को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाया गया है।

किन संपत्तियों पर गिरी गाज?

जांच एजेंसी द्वारा जारी विवरण के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आलीशान बंगले और फ्लैट: रायपुर, भिलाई और अन्य प्रमुख शहरों में स्थित कई महंगी आवासीय संपत्तियां।
  • व्यावसायिक भूमि: औद्योगिक क्षेत्रों और प्राइम लोकेशंस पर स्थित करोड़ों की जमीन।
  • बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): विभिन्न बैंक खातों में जमा करोड़ों की नकदी को फ्रीज कर दिया गया है।
  • लक्जरी वाहन: आरोपियों द्वारा घोटाले की कमाई से खरीदे गए कई महंगे वाहन भी एजेंसी के रडार पर हैं।

सिंडिकेट की कार्यप्रणाली (Modus Operandi)

ED के अनुसार, यह घोटाला तीन स्तरों पर संचालित हो रहा था। पहला, शराब निर्माताओं से कमीशन वसूला गया; दूसरा, ‘अनअकाउंटेड’ (बिना रिकॉर्ड वाली) शराब की बिक्री की गई; और तीसरा, डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने के लिए रिश्वत ली गई। जांच एजेंसी ने पहले ही इस मामले में कई रसूखदार लोगों को गिरफ्तार किया है और चार्जशीट दाखिल की जा रही है।

राजनीतिक गलियारों में हलचल

इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जहां विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कदम बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसे राजनीतिक द्वेष से प्रेरित कार्रवाई भी करार दिया जा रहा है। हालांकि, ED ने स्पष्ट किया है कि जब्त की गई संपत्तियों का सीधा संबंध अपराध की कमाई (Proceeds of Crime) से है और जांच अभी भी जारी है।

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