बीजिंग। चीन ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजिंग गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार संधियों और परीक्षण निषेध समझौतों का “सख्ती से पालन” करता है और ऐसे किसी भी आरोप का “कोई आधार नहीं” है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “चीन हमेशा जिम्मेदार परमाणु नीति का पालन करता आया है। हम व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) पर हस्ताक्षर करने वाले पहले देशों में से हैं और उसके प्रावधानों का पूर्ण अनुपालन करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ देशों द्वारा चीन की छवि धूमिल करने और भय का माहौल बनाने की कोशिशें “राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित” हैं।
ट्रंप ने हाल ही में एक चुनावी रैली में दावा किया था कि “चीन गुप्त रूप से परमाणु हथियारों के परीक्षण कर रहा है” और यह कदम वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। उनके बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता की लहर दौड़ गई थी।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीन पारदर्शिता के साथ परमाणु नीति चलाता है और वैश्विक निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “अमेरिका को अपनी परमाणु हथियारों की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए और अन्य देशों पर झूठे आरोप लगाने के बजाय अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए।”
विश्लेषकों का कहना है कि यह बयानबाज़ी ऐसे समय में आई है जब वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच रणनीतिक तनाव बढ़ा हुआ है। दक्षिण चीन सागर, ताइवान मुद्दे और तकनीकी प्रतिबंधों को लेकर दोनों देशों के बीच पहले से ही मतभेद गहराते जा रहे हैं।
विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के दावों का उद्देश्य चुनावी माहौल में चीन को मुद्दा बनाकर घरेलू राजनीतिक लाभ लेना हो सकता है। वहीं, बीजिंग ने साफ संकेत दिया है कि वह ऐसी “राजनीतिक चालों” से प्रभावित नहीं होगा और अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन जारी रखेगा।





