Wednesday, February 5, 2025

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चिन्मय दास को झटका, बांग्लादेश की अदालत ने फिर किया जमानत से इनकार

हिंदू पुजारी और पूर्व इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास को एक और झटका लगा है। बांग्लादेश के चट्टोग्राम की एक अदालत ने गुरुवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें, उन पर आरोप है कि उन्होंने बांग्लादेश का अपमान करते हुए राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। इस मामले में उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाए गए हैं। दास की ओर से 11 वकीलों का एक समूह जमानत याचिका लेकर अदालत में उपस्थित हुआ, जबकि दास वर्चुअली सुनवाई में शामिल हुए।बता दें, दास को देशद्रोह के एक मामले में 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। वह पहले इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशियसनेस (इस्कॉन) से जुड़े थे। बांग्लादेश समिलित सनातनी जागरण जोते संगठन के प्रवक्ता दास की जमानत 26 नवंबर को चट्टोग्राम के 6वें मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शारिफुल इस्लाम ने राजद्रोह के मामले में खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।

चट्टोग्राम जिला बार संघ के अध्यक्ष नाजिम उद्दीन चौधरी ने कहा, ‘सरकार ने जमानत देने का विरोध किया। उसका कहना कि दास पर राजद्रोह का मामला है। इस मामले में उम्रभर की जेल की सजा होती है।’

वहीं, मेट्रोपोलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट मफिजुल हक भुइयां ने बताया, ‘चट्टोग्राम मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायधीश सैफुल इस्लाम ने दोनों पक्षों की 30 मिनट तक बहस सुनने के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया।’

हाईकोर्ट का करेंगे रुख: वकील

चिन्मय दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने कहा कि वे हाईकोर्ट में जमानत के लिए अपील करेंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘दास पर लगा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप निराधार है, क्योंकि वह राष्ट्रीय ध्वज नहीं था। हमने अदालत को सूचित किया कि इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।’

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