मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट ने कहा है कि चारधाम में वीआईपी दर्शन से संबंधित एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जा रही है। यह एसओपी तीर्थ यात्रियों की सुविधा, भीड़ प्रबंधन और दर्शन व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से बनाई जाएगी।
अध्यक्ष ने बताया कि हर वर्ष यात्रा सीजन में बड़ी संख्या में वीआईपी, श्रद्धालु और आम यात्री दर्शन के लिए आते हैं। कई बार अचानक आने वाले वीआईपी दर्शन के कारण सामान्य श्रद्धालुओं को असुविधा झेलनी पड़ती है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब एक स्पष्ट नीति बनाई जाएगी, ताकि वीआईपी और आम श्रद्धालुओं दोनों के दर्शन में संतुलन कायम रहे।
उन्होंने कहा कि नई एसओपी में यह तय किया जाएगा कि किन श्रेणियों के लोगों को वीआईपी दर्शन की सुविधा दी जाएगी, इसके लिए समय और प्रक्रिया क्या होगी, और कैसे यह व्यवस्था सामान्य श्रद्धालुओं के दर्शन में बाधा न बने। इसके अलावा, प्रत्येक धाम में अलग-अलग परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन और बीकेटीसी के बीच समन्वय बढ़ाया जाएगा।
सुविधा और सुरक्षा होगी प्राथमिकता
बीकेटीसी अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि एसओपी का उद्देश्य किसी को प्राथमिकता देना नहीं, बल्कि सुरक्षा और सुगमता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि “चारधाम यात्रा में आने वाला हर श्रद्धालु हमारे लिए समान है। एसओपी का मकसद यह है कि कोई भी यात्री असुविधा या असमान व्यवहार महसूस न करे।”
प्रशासन और पुलिस से होगी समन्वय बैठक
अध्यक्ष के अनुसार, आगामी कुछ दिनों में प्रशासन, पुलिस विभाग और तीर्थ पुरोहितों के साथ बैठक कर ड्राफ्ट एसओपी को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद इसे राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। नई नीति को अगले यात्रा सीजन से पहले लागू करने की तैयारी है।
गौरतलब है कि इस वर्ष यात्रा सीजन के दौरान चारधाम में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कई बार वीआईपी मूवमेंट के कारण आम श्रद्धालुओं को इंतजार करना पड़ा, जिस पर यात्रा प्रबंधन को लेकर सवाल उठे थे। बीकेटीसी की यह पहल इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखकर की जा रही है, ताकि आगामी यात्रा सीजन और अधिक संगठित, सुरक्षित और व्यवस्थित हो सके।


