भारत ने कनाडा से साफ कहा है कि वह अपने यहां चरमपंथी तत्वों को राजनीति में जगह नहीं दे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत ने कनाडा को खालिस्तान समर्थकों के संबंध में अपनी सुरक्षा चिंताओं से लगातार अवगत कराया है।
उनसे आग्रह है कि हिंसा और अलगाव का समर्थन करने वाले चरमपंथी तत्वों को राजनीति में कोई स्थान नहीं मिलना चाहिए। रणधीर ने कहा, ‘हमारी स्थिति कई महीनों और वर्षों से बहुत स्पष्ट रही है। हमने कनाडाई पक्ष को अपनी सुरक्षा चिंताओं से अवगत कराया है और हमने उनसे आग्रह किया है कि वे चरमपंथी तत्वों को कोई राजनीतिक स्थान न दें, जो हिंसा का समर्थन करते हैं और अलगाव की बात करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि कनाडाई पक्ष इस पर ध्यान देगा और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।’
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उम्मीद है कि अमेरिका भारतीय छात्रों के वीजा आवेदनों पर मेरिट के आधार पर विचार करेगा। यह बयान ट्रंप प्रशासन की तरफ से नए छात्र वीजा साक्षात्कारों पर रोक लगाए जाने के बाद आया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका के बीच अवैध प्रवासियों खासतौर पर निर्वासन के संबंध में निकट सहयोग रहा है। इस वर्ष जनवरी से अब तक लगभग 1080 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है, जिनमें से 62 प्रतिशत ने वाणिज्यिक उड़ानों से वापसी की है।
भारत ने अफगान नागरिकों के लिए गुरुवार को एक नया वीजा मॉड्यूल शुरू किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह मॉड्यूल भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगा। अफगान नागरिक भारतीय वीजा के लिए चिकित्सा समेत छह श्रेणियों में आवेदन कर सकते हैं। उनके लिए पुराना वीजा मॉड्यूल बंद कर दिया गया है।
भारत ने बुधवार को कहा कि वह बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध चाहता है। इसके साथ ही वहां शीघ्र समावेशी, निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय ने यह बयान बांग्लादेश में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इस वर्ष आखिर तक आम चुनाव कराने की मांगों के बीच आया है।
रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने ढाका में ताजा विरोध प्रदर्शनों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम बांग्लादेश के साथ एक सकारात्मक और रचनात्मक संबंध चाहते हैं, जो दोनों पक्षों के लोगों की आकांक्षाओं और हितों को पूरा करने में आधारित हो।’