चक्रवात ‘दित्वाह’ के कमजोर पड़ने के साथ ही श्रीलंका में राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई है। समुद्री उफान और तेज हवाओं के कारण कई इलाकों में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने का अभियान लगभग पूरा हो गया है। सोमवार को अंतिम समूह के रूप में भारतीयों का आखिरी बेड़ा भी सुरक्षित भारत पहुंच गया, जिसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।
भारतीय दलों ने तेजी से चलाया बचाव अभियान
चक्रवात के असर से श्रीलंका के कई तटीय इलाकों में भारी बारिश, तेज हवाएं और जलभराव की स्थिति बन गई थी, जिसके चलते सैकड़ों भारतीय नागरिक विभिन्न स्थानों पर फंस गए थे। भारतीय उच्चायोग और स्थानीय प्रशासन के समन्वय से बचाव दलों ने लगातार अभियान चलाया।
समुद्री स्थितियों के थोड़े शांत होने के बाद नौकाओं और हेलीकॉप्टरों की मदद से फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों का कहना है कि आखिरी बैच के लौटने के साथ सभी दर्ज किए गए भारतीय नागरिकों को निकाल लिया गया है।
फिर कमजोर पड़ा चक्रवात, खतरा काफी हद तक टला
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात ‘दित्वाह’ अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है और इसका मार्ग भी बदल चुका है। इसकी तीव्रता में गिरावट आने के बाद श्रीलंका के तटीय इलाकों में व्यापक नुकसान का खतरा काफी कम हो गया है। हालांकि, विभाग ने संभावित भारी बारिश और समुद्री उफान को देखते हुए एहतियात बरतने की सलाह जारी रखी है।
भारतीय प्रशासन ने जताई संतुष्टि, कहा—सभी सुरक्षित हैं
भारतीय उच्चायोग ने पुष्टि की है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार श्रीलंका में फंसे सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं और जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता थी, उन्हें भारत लाया जा चुका है। अधिकारियों ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को स्थानीय एजेंसियों और भारतीय टीमों ने अत्यंत सतर्कता और तत्परता के साथ पूरा किया।
उन्होंने यह भी बताया कि चक्रवात की तीव्रता घटने के बावजूद स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यक होने पर अतिरिक्त सहायता भेजने के लिए भी भारतीय एजेंसियां तैयार हैं।





