सुपरस्टार क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने इस्राइल में अपने साथ हुई कथित घटनाओं पर पहली बार खुलकर बात की है। थनबर्ग ने कहा कि उनके साथ “बांधने, प्रताड़ित करने और धमकाने” जैसी घटनाएं हुईं, जो उनके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से अत्यंत कठिन रही।
इस्राइल में थनबर्ग का अनुभव
ग्रेटा ने सोशल मीडिया और संवादों में बताया कि इस्राइल की यात्रा के दौरान उन्हें सुरक्षा बलों ने अवांछित तरीके से रोका और परेशान किया। उन्होंने कहा कि उन्हें अनुचित तरीके से काबू में किया गया और उनकी स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया। थनबर्ग ने इन घटनाओं को अपने कार्य और व्यक्तिगत अधिकारों के लिए एक स्पष्ट चुनौती बताया।
थनबर्ग ने बताया कि यात्रा के दौरान उन्हें अत्यधिक निगरानी और धमकियों का सामना करना पड़ा। उन्हें कई बार रोका गया, उनके आंदोलनों को सीमित किया गया और अनावश्यक पूछताछ की गई। उनका कहना है कि इस अनुभव ने उनके लिए न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक दबाव भी उत्पन्न किया।
ग्रेटा ने इस्राइल के इस व्यवहार पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि सांकेतिक रूप से यह सभी युवा और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के लिए चेतावनी है। उन्होंने दुनिया से अपील की कि सक्रिय नागरिकों और जलवायु कार्यकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा की जाए और उनके खिलाफ अनुचित प्रताड़ना को रोका जाए।
थनबर्ग के खुलासे के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों में हलचल मच गई है। कई संगठन इस्राइल से थनबर्ग के साथ हुई घटनाओं की स्वतंत्र जांच कराने और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
ग्रेटा ने अपने बयान में कहा, “मैं अपने अधिकारों और आवाज के लिए खड़ी रही। यह अनुभव कठिन था, लेकिन इससे मुझे और भी मजबूत बनाया है। मैं दुनिया से आग्रह करती हूं कि वे हर ऐसे कार्यकर्ता का समर्थन करें, जिसे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है।”
ग्रेटा थनबर्ग का यह खुलासा जलवायु और मानवाधिकार आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, जिससे वैश्विक स्तर पर सुरक्षा, स्वतंत्रता और सम्मान की बहस को मजबूती मिलेगी।