सूडान में जारी गृहयुद्ध के बीच सूडानी सेना से लड़ रहे कुख्यात अर्धसैनिक समूह रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) ने अब अपनी सरकार बनाने की घोषणा कर दी है। मामले में आरएसएफ के कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान डागालो ने वीडियो जारी कर एलान किया कि आरएसएफ अब उन इलाकों में सरकार चलाएंगे जो उनके कब्जे में हैं, जिसमें पश्चिमी दारफुर क्षेत्र भी शामिल है। डागालो ने कहा कि हम एक नई सरकार बना रहे हैं जो शांति और एकता को बढ़ावा देगी। उन्होंने बताया कि दूसरे गुट भी उनके साथ जुड़े हैं, जैसे कि सूडान लिबरेशन मूवमेंट का एक धड़ा, जो कोर्डोफन इलाके में सक्रिय है।
अपनी घोषणा में डागलो ने यह भी कहा कि वे एक 15 सदस्यीय राष्ट्रपति परिषद बनाएंगे, जो पूरे सूडान का प्रतिनिधित्व करेगी। हालांकि, अमेरिका ने डागालो पर दारफुर में नरसंहार जैसे गंभीर आरोपों के चलते पहले ही प्रतिबंध लगा रखे हैं। बता दें कि यह कदम ऐसे समय में आया है जब आरएसएफ को हाल के महीनों में कई बड़े शहरों, जैसे कि राजधानी खार्तूम, में हार का सामना करना पड़ा है। अब वे फिर से दारफुर क्षेत्र में संगठित हो रहे हैं।
वहीं मामले में संयुक्त राष्ट्र और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, डागालो की इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले आरएसएफ और उसके सहयोगियों ने उत्तरी दारफुर में दो शरणार्थी शिविरों पर हमला किया। इस हमले में 400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जिनमें 12 सहायता कर्मी और कई बच्चे शामिल थे। साथ ही यूएन की रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि जमजम और अबू शौक शिविरों पर हुए हमलों की वजह से 4 लाख लोग भागने पर मजबूर हुए। अब इन इलाकों में किसी तरह की मदद पहुंचाना लगभग नामुमकिन हो गया है।
गौरतलब है कि 15 अप्रैल 2023 से सूडान में सेना और आरएसएफ के बीच गृहयुद्ध चल रहा है। इस युद्ध में अब तक 24,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। वहीं लगभग 1.3 करोड़ से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है, जिनमें 40 लाख पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं। कई इलाके अकाल की कगार पर पहुंच चुके हैं। इस संघर्ष में सामूहिक दुष्कर्म, जातीय हिंसा, और युद्ध अपराध की जैसी घटनाएं सामने आई हैं। हालांकि अमेरिका और दूसरे देश आरएसएफ की समानांतर सरकार के इस कदम को खारिज कर चुके हैं। उनका कहना है कि इससे शांति नहीं, बल्कि और अस्थिरता फैलेगी।