संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गाजा पट्टी में स्थिरता बहाल करने और मानवीय संकट को कम करने के उद्देश्य से तैयार की गई अमेरिका की नई बहुपक्षीय योजना को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती का मार्ग लगभग साफ हो गया है, जिसे मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष के बीच एक अहम कूटनीतिक प्रगति माना जा रहा है।
अमेरिकी प्रस्ताव को व्यापक समर्थन
अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में गाजा में तत्काल मानवीय सहायता उपलब्ध कराने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में स्थिर प्रशासनिक ढांचे की स्थापना शामिल है। परिषद में हुई वोटिंग में अधिकांश सदस्य देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिससे इस योजना को वैश्विक वैधता मिल गई।
अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में कहा कि गाजा में बिगड़ती स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप की मांग करती है। प्रस्ताव के अनुसार, क्षेत्र में सुरक्षा और राहत कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय बहुराष्ट्रीय बल तैनात किया जाएगा, जो स्थानीय ढांचे और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ समन्वय करेगा।
अंतरराष्ट्रीय बल का मुख्य उद्देश्य
तैनात किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय बल का प्राथमिक मकसद होगा—
- संघर्ष क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान करना
- फंसे हुए नागरिकों को राहत पहुंचाना
- मानवीय सहायता के लिए सुरक्षित गलियारे बनाना
- बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में सहयोग
- हिंसा और आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए निगरानी
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बल गाजा में एक अस्थायी सुरक्षा ढांचा तैयार करेगा, ताकि क्षेत्र को स्थिर किया जा सके और बड़े पैमाने पर शुरू होने वाली मानवीय राहत योजनाएं सुरक्षित ढंग से लागू हो सकें।
क्षेत्रीय देशों और संयुक्त राष्ट्र की भूमिका
अमेरिकी योजना के मंजूर होने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र महासचिव को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे उन देशों के साथ बातचीत करें, जो अंतरराष्ट्रीय बल में सैनिक, संसाधन या लॉजिस्टिक सहयोग देने को तैयार हैं।
कई क्षेत्रीय देशों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि गाजा के नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बढ़ते तनाव के बीच राहत की उम्मीद
गाजा में चल रहे लंबे संघर्ष के कारण हजारों नागरिक विस्थापित हो चुके हैं और बुनियादी सेवाएं लगभग ध्वस्त हो चुकी हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उम्मीद है कि सुरक्षा परिषद की मंजूरी से राहत व पुनर्वास की प्रक्रिया को नई गति मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय न केवल तत्काल मानवीय सहायता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि गाजा के भविष्य के प्रशासनिक ढांचे को आकार देने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
सुरक्षा परिषद की इस सहमति को गाजा संकट के समाधान की दिशा में कूटनीतिक मोर्चे पर अब तक की सबसे ठोस पहल माना जा रहा है।





