कानपुर/लखनऊ: मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहाँ एक व्यक्ति ने गुस्से में आकर एक बिल्ली को मौत के घाट उतार दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है और आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
- अचानक हुआ हमला: जानकारी के अनुसार, आरोपी की गर्भवती पत्नी घर के आंगन में बैठी थी, तभी एक पालतू या आवारा बिल्ली अचानक उन पर झपट पड़ी। इस हमले में महिला को हल्की खरोंचें आईं, जिससे वह घबरा गई और चीखने लगी।
- आवेश में आपा खोया: पत्नी की चीख सुनकर पति मौके पर पहुँचा। बिल्ली द्वारा किए गए हमले से वह इतना आगबबूला हो गया कि उसने पास रखे डंडे या भारी वस्तु से बिल्ली पर हमला कर दिया।
- बेरहमी से हत्या: आरोपी ने बिल्ली को तब तक पीटा जब तक कि उसकी जान नहीं निकल गई। इस पूरी घटना को पास ही मौजूद किसी व्यक्ति ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर साझा कर दिया।
सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
- वीडियो वायरल: वायरल वीडियो में शख्स की क्रूरता साफ देखी जा सकती है। इंटरनेट यूजर्स ने आरोपी की कड़ी निंदा करते हुए उसे तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है।
- पशु अधिकार कार्यकर्ताओं की मांग: पशु अधिकार संगठनों (जैसे PETA और स्थानीय NGO) ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका तर्क है कि जानवर का हमला प्राकृतिक बचाव की क्रिया हो सकता है, लेकिन किसी बेजुबान की जान लेना अक्षम्य अपराध है।
पुलिस और कानूनी कार्रवाई
- FIR दर्ज: वीडियो के आधार पर स्थानीय पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है। पुलिस ने ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ (Prevention of Cruelty to Animals Act) और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
- जांच जारी: पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी फिलहाल फरार है और उसकी तलाश के लिए टीमें दबिश दे रही हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे कानून को अपने हाथ में न लें।
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं समाज में बढ़ते ‘एंगर इश्यूज’ (Gussa) और बेजुबानों के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाती हैं। वहीं, पशु विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं के आसपास जानवरों के व्यवहार में बदलाव आ सकता है, लेकिन इसे समझदारी से संभालने की जरूरत होती है न कि हिंसा से।





