पाकिस्तानी अभिनेत्री निमरा खान ने अपने से जुड़े एक किस्से को याद किया। उन्होंने बताया कि किस तरह जब उन्होंने अपने अपहरण की बात सोशल मीडिया पर सामने रखी थी तो आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इन सब हालातों से जूझने में उनकी पहली महिला हिंदू पुलिस अधिकारी ने मदद की थी। दरअसल, कराची के पॉश इलाके में बने एक होटल के बाहर जब निमरा अपनी कार में इंतजार कर रही थी, तब उनका अपहरण करने की कोशिश की थी। इस बारे में उन्होंने सोशल मीडिया पर खुलकर बात की थी, जिसके बाद उन्हें आलोचनाएं झेलनी पड़ी थीं। उन्होंने इसी घटना को याद करते हुए कहा, ‘शुरुआत में सोशल मीडिया मंच पर मुझ पर और मेरे साथ हुई घटना पर सवाल खड़े किए गए। मगर सच यह है कि डीएसपी मनीषा रोपेटा ने मेरे केस में मदद की और मुझे शांत किया। साथ ही हालात को सुधारने के लिए अच्छे से काम किया।’
निमरा ने कहा, ‘जब मैंने पढ़ी लिखी महिला पुलिस अधिकारी से बात की तब मुझे समय आया कि सबके सामने इस मुद्दे पर बात करना सही था।’ महिला पुलिस अधिकारी ने पाकिस्तानी अभिनेत्री से न सिर्फ बात की बल्कि उनके केस को भी अच्छे से संभाला। बता दें, रोपेटा को पुलिस सेवा में दो साल से अधिक समय हो गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान में पुलिस क्षेत्र में बहुत ही कम शिक्षित महिला अधिकारी हैं। ऐसे में रोपेटा रक्षा के क्षेत्र में डीएसपी पद पर कार्यरत हैं। इससे ही सिंध प्रांत की पुलिस की अलग तस्वीर झलकती है। डीएसपी रोपेटा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इससे प्रेरणा और आगे बढ़ने की वजह मिलती है। इसी वजह से मैंने पुलिस फोर्स चुना था, जो सही साबित हो रहा है।’
आज भी जब मैं अपनी वर्दी पहनती हूं…
उन्होंने आगे कहा, मुझे मेरे काम की वजह से साथ के अधिकारियों से सम्मान मिलता है। हां यहां कुछ लैंगिक मुद्दे हैं मगर मैं ऐसा महसूस नहीं करती और न ही इससे कोई फर्क पड़ता है कि मैं एक हिंदू महिला पुलिस अधिकारी हूं। आज भी जब मैं पुलिस की वर्दी पहनती हूं तो मेरे लिए यह गर्व का पल होता है। मैं आशा करती हूं कि मेरी कहानी सुनकर हमारे समुदाय की लड़कियां प्रेरित हों और मेरे रास्ते पर चलें।’