Saturday, July 27, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

कोई भी महिला समान अवसरों और अधिकारों से वंचित न रहे : डॉ. जितेंद्र सिंह

महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करने की प्रधानमन्त्री नरेन्‍द्र मोदी जी की नीति को ध्यान में रखते हुए दूरगामी सामाजिक-आर्थिक प्रभाव वाले एक अभूतपूर्व निर्णय में सरकार ने लंबे समय से स्थापित उस नियम में संशोधन किया है, जिससे किसी महिला कर्मचारी को पारिवारिक पेंशन के लिए अपने पति को नामित किए जाने की अब तक चली आ रही प्रथा के बजाय बेटे या बेटी को पारिवारिक पेंशन के लिए नामांकित करने का अधिकार मिल गया है।
इस सूचना को मीडिया से साझा करते हुए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर –डीओपी एंड पीडब्ल्यू) ने सिविल सेवा पेंशन (सीसीएस पेंशन) नियम, 2021 में एक संशोधन प्रस्तुत किया है, जिससे महिला सरकारी कर्मचारियों या पेंशनभोगियों को अपने पति या पत्नी के बजाय अब अपने पात्र बच्चे / बच्चों को उनके निधन के बाद पारिवारिक पेंशन दिए जाने की अनुमति मिल गई है ।

मंत्री महोदय ने कहा कि संशोधन उन स्थितियों का समाधान करेगा जहां वैवाहिक कलह के कारण तलाक की कार्यवाही होती है अथवा घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम या भारतीय दंड संहिता जैसे अधिनियमों के अंतर्गत मामले दर्ज किए जाते हैं।
पहले, पारिवारिक पेंशन मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के पति या पत्नी को दी जाती थी, जबकि परिवार के अन्य सदस्य पति या पत्नी की अपात्रता या मृत्यु के बाद ही पात्र बनते थे। हालाँकि, नया संशोधन महिला सरकारी कर्मचारियों या पेंशनभोगियों को अपने अब पति या पत्नी के स्थान पर अपने पात्र बच्चे / बच्चों को पारिवारिक पेंशन देने का अनुरोध करने की अनुमति देता है।

इस कदम की सराहना करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह संशोधन हर क्षेत्र में महिला पदाधिकारियों को न्यायोचित, न्यायसंगत और वैध अधिकार देने की प्रधानमन्त्री मोदी की नीति के अनुरूप है, चाहे वह सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन देना हो अथवा संसद में महिला आरक्षण संशोधन हो।
एक कार्यालय ज्ञापन में, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर –डीओपी एंड पीडब्ल्यू) ने कहा कि महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी को संबंधित कार्यालय प्रमुख को एक लिखित अनुरोध करना होगा, जिसमें कहा जाएगा कि चल रही कार्यवाही के दौरान उनकी मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन उसके पति या पत्नी से पहले उसके पात्र बच्चे / बच्चों को दी जानी चाहिए। यदि कार्यवाही के दौरान महिला सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो पारिवारिक पेंशन तदनुसार ही वितरित की जाएगी।

Popular Articles