Wednesday, November 12, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

कैमरून में राष्ट्रपति विरोध प्रदर्शन हिंसक, सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 48 की मौत; संयुक्त राष्ट्र ने जताई गहरी चिंता

याओंडे। मध्य अफ्रीकी देश कैमरून में राष्ट्रपति पॉल बिया के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों घायल बताए जा रहे हैं। देश में हालात तनावपूर्ण हैं और कई इलाकों में कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है।

जानकारी के मुताबिक, यह प्रदर्शन राजधानी याओंडे और आर्थिक केंद्र डौआला सहित कई शहरों में उस समय भड़क उठा जब विपक्षी दलों और नागरिक समूहों ने राष्ट्रपति बिया के लंबे कार्यकाल के खिलाफ देशव्यापी विरोध का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचार और दमन की नीतियों पर चल रही है और लोकतंत्र की आवाज को दबाया जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि अधिकांश मौतें सुरक्षा बलों की गोली से हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, कई क्षेत्रों में सेना ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अत्यधिक बल प्रयोग किया। यूएन प्रवक्ता ने कहा, “हमें यह पुष्टि हुई है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कम से कम 48 लोग मारे गए हैं। हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है।”

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और गोलियों का इस्तेमाल किया। कई स्थानों पर सरकारी इमारतों और वाहनों में आगजनी की घटनाएं भी सामने आई हैं। इंटरनेट सेवाएं कई इलाकों में बंद कर दी गई हैं ताकि हिंसा की तस्वीरें और वीडियो फैलने से रोके जा सकें।

राष्ट्रपति पॉल बिया, जो पिछले चार दशकों से सत्ता में हैं, ने हिंसा के लिए “विदेशी तत्वों” और “राजनीतिक भड़काव” को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को कुचलने के लिए बर्बर बल प्रयोग किया।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी संघ ने कैमरून सरकार से संयम बरतने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करने की अपील की है।

विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना कैमरून की राजनीतिक अस्थिरता को और गहरा सकती है। देश में पहले से ही एंग्लोफोन (अंग्रेज़ी भाषी) क्षेत्रों में अलगाववादी आंदोलनों और हिंसा की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में यह नया संकट सरकार के लिए गंभीर चुनौती बन गया है।

Popular Articles