अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में 6 जनवरी 2021 को हुए दंगे को दोषियों को ट्रंप क्षमादान दे चुके हैं। हालांकि कुछ दंगाइयों ने ट्रंप का क्षमादान लेने से इनकार कर दिया है। ट्रंप की माफी लेने से मना करने वाले लोगों में जेसन रिडल और पामेला हेम्पहिल का नाम शामिल है। इन दोनों का मानना है कि जो इन्होंने किया, वह माफी के लायक नहीं है। दोनों लोगों के ट्रंप की माफी लेने से इनकार करने से ट्रंप के उस दावे को बड़ा झटका लगा है कि 6 जनवरी 2021 को यूएस कैपिटल हिल में जो कुछ हुआ, वह एक ‘शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन’ था।अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 71 वर्षीय हेम्पहिल मानती हैं कि वह 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत के सर्टिफिकेट को जारी होने से रोकने की कोशिश कर रहे थे और वे अपने कृत्य की जिम्मेदारी लेती हैं। उन्होंने कहा, ‘ट्रंप का क्षमादान लेने से यह संदेश जाएगा कि वह (हमला) एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन था।’ हेम्पहिल को कैपिटल हिल में अवैध रूप से प्रदर्शन, धरना या परेड करने के लिए साल 2022 में दोषी ठहराया गया था। इसके लिए पामेला को 60 दिन की जेल की सजा और तीन साल तक निगरानी में रहने की सजा मिली थी। अमेरिकी नौसेना के पूर्व कर्मचारी रहे जेसन रिडल ने भी ट्रंप का क्षमादान लेने से मना कर दिया है। रिडल को अप्रैल 2022 में 90 दिन की जेल की सजा मिली थी और उन पर 750 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया था। रिडल ने कहा कि ‘ट्रंप की माफी लेने से मना करने से उन्हें नौकरी मिलने की संभावना ज्यादा रहेगी।’ रिडल ने कहा कि ‘अगर कोई नियोक्ता मेरी पृष्टभूमि देखता है तो उसमें संसद में दंगा और राष्ट्रपति द्वारा माफी दिए जाने का पता चलेगा, इससे मेरे प्रति गलत भावना बन सकती है। ऐसे में मैं अपना जीवन ये सोचने में नहीं बिता सकता कि मैं जहां नौकरी के लिए आवेदन करूंगा, क्या वहां के लोग ट्रंप को पसंद करेंगे या नहीं।’रिडल ने कहा कि जो मैंने किया वो माफी लायक नहीं है और इसलिए मुझे माफी नहीं चाहिए। रिडल अब ट्रंप समर्थक नहीं हैं। जब उनसे इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि जब वे जेल से बाहर आए तो उन्होंने ट्रंप को फिर से अपने समर्थकों से यह कहते हुए देखा कि वे हश मनी केस में विरोध प्रदर्शन करें। रिडल ने ट्रंप के इस व्यवहार से नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘कैपिटल हिल के दंगे में भी ऐसा हुआ था। वह लोगों को क्यों भड़काते हैं, इससे किसी को चोट लग सकती है।’