भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। बता दें, कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में बीआरएस नेता की जमानत याचिका पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया है।
बता दें, दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जुलाई को दोनों मामलों में कविता की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि बीआरएस नेता दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 (अब रद्द कर दी गई) को बनाने और उसे लागू करने से संबंधित आपराधिक साजिश में प्रथम दृष्टया मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 12 अगस्त की वाद सूची के मुताबिक, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
हाईकोर्ट ने कविता की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि फिलहाल नियमित जमानत देने का कोई मामला नहीं बनता क्योंकि जांच महत्वपूर्ण चरण में है। अदालत ने महिला होने के आधार पर राहत के लिए कविता की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि एक सुशिक्षित व्यक्ति और पूर्व सांसद होने के नाते बीआरएस नेता किसी कमजोर महिला के समान नहीं है और हाईकोर्ट उन पर लगे गंभीर आरोपों को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता पर ‘साउथ ग्रुप’ नामक शराब गिरोह के अन्य सदस्यों और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप है, जिसके तहत शराब ‘लाइसेंस’ के बदले दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। इस पैसे का का एक बड़ा हिस्सा कथित तौर पर आप ने 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार पर खर्च किया था।





