तिरुवनंतपुरम। दक्षिण भारत के राज्य केरल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक बड़ी राजनीतिक सफलता की खबर आई है। प्रदेश की राजधानी तिरुवनंतपुरम में भाजपा ने इतिहास रचते हुए पहली बार मेयर पद पर कब्जा जमा लिया है। वामपंथी (LDF) और कांग्रेस (UDF) के दशकों पुराने दबदबे को खत्म करते हुए भाजपा ने केरल की किसी नगर निगम में अपनी इस पहली बड़ी जीत के साथ राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है।
ऐतिहासिक जीत का महत्व
केरल को पारंपरिक रूप से वामपंथ और कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। ऐसे में राजधानी तिरुवनंतपुरम में भाजपा का मेयर बनना पार्टी की दक्षिण भारत में बढ़ती पैठ का संकेत माना जा रहा है।
- वोट शेयर में बढ़ोत्तरी: चुनाव परिणामों के बाद हुए मेयर चुनाव में भाजपा उम्मीदवार ने आवश्यक बहुमत हासिल कर विपक्षी दलों को चौंका दिया।
- दशकों का संघर्ष: पार्टी नेताओं का कहना है कि यह जीत कार्यकर्ताओं के कई दशकों के संघर्ष और जनता के बदलाव की आकांक्षा का परिणाम है।
सत्तारूढ़ गठबंधन को बड़ा झटका
इस जीत ने केरल के सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (LDF) को गहरा झटका दिया है, जो लंबे समय से इस निगम की सत्ता पर काबिज था।
- चुनावी रणनीति: भाजपा ने विकास और पारदर्शी प्रशासन के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था, जिसने शहरी मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया।
- संगठनात्मक मजबूती: पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने तिरुवनंतपुरम के जमीनी स्तर पर अपने बूथ मैनेजमेंट को काफी मजबूत किया था।
शपथ ग्रहण और प्राथमिकताएं
नवनिर्वाचित मेयर ने पदभार संभालने के बाद अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि:
- शहर के बुनियादी ढांचे (Infrastructure) को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा।
- नगर निगम में भ्रष्टाचार मुक्त और जन-केंद्रित शासन लागू करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
- कचरा प्रबंधन और जल निकासी जैसी पुरानी समस्याओं का स्थाई समाधान निकाला जाएगा।
शीर्ष नेतृत्व ने दी बधाई
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत को ऐतिहासिक बताते हुए केरल की जनता का आभार व्यक्त किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस जीत का असर आगामी विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि भाजपा अब राज्य में एक ‘तीसरे विकल्प’ के रूप में मजबूती से उभर रही है।





