Thursday, March 20, 2025

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किंग चार्ल्स से मुलाकात करेंगे कनाडा के पी एम जस्टिन ट्रूडो

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सोमवार को किंग चार्ल्स से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी पर बातचीत होगी। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बताया है कि वे किंग चार्ल्स के साथ मुलाकात में ट्रंप की धमकी का मुद्दा उठाएंगे। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका में मिलाने और इसे अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात कही थी।  कनाडा के पीएम फिलहाल ब्रिटेन दौरे पर हैं और रविवार को उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर यूरोपीय नेताओं की अहम बैठक में शिरकत की थी। ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय ने भी ट्रूडो को सोमवार को स्कॉटलैंड राजकीय यात्रा पर आने को आमंत्रित किया है। बता दें कि किंग चार्ल्स ही कनाडा के भी राष्ट्र प्रमुख हैं। हालांकि ट्रंप ने कनाडा के अमेरिका में विलय की धमकी पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, जिसे लेकर कनाडा में किंग चार्ल्स के प्रति नाराजगी भी है। ट्रूडो ने रविवार को लंदन में कहा कि वह किंग चार्ल्स के साथ कनाडाई लोगों के लिहाज से जरूरी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘कनाडाई लोगों के लिए इस समय हमारी संप्रभुता और एक राष्ट्र के रूप में हमारी स्वतंत्रता के लिए खड़े होने से अधिक महत्वपूर्ण कुछ नहीं है।’

कनाडा के संवैधानिक मामलों के वकील लाइल स्किनर ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि, ‘बहुत अच्छी खबर है कि प्रधानमंत्री कल कनाडा के राजा से मिलेंगे। उम्मीद है कि इसके बाद राजा अपने कनाडाई क्षेत्र के बारे में कोई बयान देंगे।’ मॉन्ट्रियल में मैकगिल विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डैनियल बेलैंड ने कहा कि कई कनाडाई लोग, राजा से ट्रंप के बयान के मुद्दे पर सार्वजनिक बयान चाहते हैं और अगर ऐसा नहीं होता है तो वे नाराज हो सकते हैं। बेलैंड ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रूडो पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के सामने इस मुद्दे को उठाएंगे। बेलैंड ने कहा, ‘यह एक बेहद नाजुक कूटनीतिक मामला है और इन तीनों लोगों को बहुत सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। यहां कोई भी गलती राजशाही की छवि और राजनीतिक वैधता को नुकसान पहुंचा सकती है।’ कनाडा के भूतपूर्व शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी आर्टुर विल्किंस्की ने एक्स पर लिखा, ‘कनाडा के लोगों को यह तय करना होगा कि किंग चार्ल्स तृतीय कनाडा के राजा के रूप में अपने किस उद्देश्य को पूरा कर रहे हैं, अगर वे हमारी संप्रभुता के लिए आवाज भी नहीं उठा सकते हैं?’ कनाडा में अगर राजशाही खत्म की जाती है तो इसका मतलब संविधान को बदलना होगा। यह एक स्वाभाविक रूप से जोखिम भरा काम है, क्योंकि 4.1 करोड़ लोगों को, जिसमें अंग्रेजी बोलने वाले, फ्रेंच बोलने वाले, स्वदेशी जनजातियां और नए आप्रवासियों का निरंतर प्रवाह शामिल है, एकजुट रखना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।

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