केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के विशेष अभियान के तहत 30,000 से अधिक करदाताओं ने अपने आयकर रिटर्न को संशोधित या विलंब से दाखिल करते हुए 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त विदेशी संपत्ति और आय की घोषणा की है। सीबीडीटी के ‘विश्वास-प्रथम’ अभियान के तहत विदेशों में अर्जित आय की सही जानकारी देने का आग्रह किया गया था। पिछले साल 16 नवंबर को शुरू किए गए अभियान के तहत उन करदाताओं को संदेश भेजे गए थे, जिन्होंने निर्धारण वर्ष 2024-25 के अपने आईटीआर में उच्च मूल्य की विदेशी आय या संपत्ति का खुलासा नहीं किया था। ऐसे 19,501 करदाताओं को एसएमएस और ईमेल भेजे गए जिनके विदेशी खाते में अधिक रकम जमा थी या जिनकी विदेशी आय निश्चित सीमा से अधिक थी।सूत्रों ने बताया कि 24,678 करदाताओं ने अपने आईटीआर की समीक्षा की और 5,483 करदाताओं ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए विलंबित रिटर्न दाखिल किया। जिसमें 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की अतिरिक्त विदेशी आय की घोषणा की गई। इसके अलावा, 6,734 करदाताओं ने अपनी आवासीय स्थिति को निवासी से गैर-निवासी (नॉन रेजिडेंट) में बदला।सूत्रों ने बताया कि अभियान के तहत लगभग 62 प्रतिशत करदाताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्वेच्छा से विदेशी संपत्ति और आय की घोषणा करने के लिए अपने आईटीआर में संशोधन किया। स्वैच्छिक आधार पर विदेशी संपत्ति और आय का खुलासा करने वाले करदाताओं की संख्या निर्धारण वर्ष 2021-22 में 60,000 से बढ़कर निर्धारण वर्ष 2024-25 में 2,31,452 हो गई है। इस वर्ष निर्धारण वर्ष 2023-24 की तुलना में 45.17 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।