नई दिल्ली।
भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ महीनों से चले आ रहे कूटनीतिक तनाव के बीच शुक्रवार को एक अहम घटनाक्रम देखने को मिला। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचीं। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की और व्यापार, सुरक्षा और आपसी सहयोग से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
यह यात्रा ऐसे समय पर हुई है जब दोनों देशों के रिश्ते पिछले एक वर्ष से तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कुछ बयानों और खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर उत्पन्न मतभेदों ने भारत-कनाडा संबंधों को गहराई से प्रभावित किया था। हालांकि अनीता आनंद की यह यात्रा दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और संवाद की नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है।
व्यापार और निवेश पर फोकस
सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच बातचीत में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। कनाडा ने भारत में अपनी निवेश परियोजनाओं को गति देने की इच्छा जताई, जबकि भारत ने कनाडाई निवेशकों के लिए स्थिर और सुरक्षित कारोबारी माहौल प्रदान करने का भरोसा दिलाया।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों ने व्यापार वार्ता को पुनः शुरू करने पर भी सहमति जताई है, जो पिछले साल के तनाव के बाद ठप पड़ी हुई थी।
सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग भी एजेंडे में
बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा परिस्थितियों पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों ने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता पर सहमति जताई। भारत ने कनाडा से आग्रह किया कि वह अपने देश में सक्रिय खालिस्तानी तत्वों पर सख्त कार्रवाई करे।
अनीता आनंद ने भरोसा दिलाया कि कनाडा “भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेता है” और दोनों देश आपसी सुरक्षा सहयोग को नए स्तर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
संबंध सुधार की दिशा में अहम कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि अनीता आनंद की यह यात्रा दोनों देशों के बीच तनाव घटाने की दिशा में सकारात्मक संकेत है। हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच संवाद सीमित था, लेकिन अब यह यात्रा एक राजनयिक पुल का काम कर सकती है।
कनाडाई विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा, “भारत और कनाडा के संबंध बहुआयामी हैं — हमें आपसी मतभेदों को बातचीत के माध्यम से सुलझाकर आगे बढ़ना होगा।” वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि “भारत सभी देशों के साथ समानता और परस्पर सम्मान पर आधारित संबंधों में विश्वास रखता है, और कनाडा के साथ संवाद को रचनात्मक दिशा में ले जाने के लिए तैयार है।”
निष्कर्ष
अनीता आनंद की दिल्ली यात्रा ने दोनों देशों के बीच संवाद की नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। यदि बातचीत की यह सकारात्मक पहल आगे भी जारी रही, तो भारत-कनाडा रिश्ते एक बार फिर सामान्य पटरी पर लौट सकते हैं — जिससे न केवल व्यापारिक साझेदारी मजबूत होगी, बल्कि सुरक्षा सहयोग और कूटनीतिक भरोसा भी गहराएगा।





