ओडिशा में दिन-प्रतिदिन हैजा का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। जहां मामले में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अब तक इस बीमारी से 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,000 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। राज्य की स्वास्थ्य सचिव अश्वती एस ने मंगलवार को बताया कि लिए गए सैंपलों में से 10% में हैजा के वायरस की पुष्टि हुई है। इसके चलते सरकार ने सभी 30 जिलों के कलेक्टरों को एक सप्ताह तक अलर्ट पर रहने और रोकथाम के कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि यह बीमारी सबसे पहले 9 जून को जाजपुर जिले में दस्त (डायरेिया) के रूप में शुरू हुई थी और अब धीरे-धीरे धेनकनाल, भद्रक, क्योंझर और कटक सहित कई जिलों में फैल चुकी है।
मामले में स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और सरकार संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि हर जिले में साफ-सफाई, कीटाणुशोधन और लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
वहीं इस बीच केंद्र सरकार की एक टीम भी ओडिशा पहुंची है और जाजपुर जिले का दौरा कर रही है। राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ उनकी बुधवार को बैठक प्रस्तावित है। राज्य में स्वच्छता को लेकर अभियान तेज हो गया है। भुवनेश्वर, कटक और जाजपुर में कई होटल और मिठाई की दुकानों पर छापेमारी की गई है। कटक नगर निगम ने स्टेशन बाजार क्षेत्र के दो होटल सील कर दिए हैं, जबकि भुवनेश्वर नगर निगम ने भी कई जगह सैंपल लिए और जुर्माना लगाया।
गौरतलब है कि सबसे ज्यादा मरीज जाजपुर जिले में सामने आए हैं। यहां 220 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में स्ट्रीट फूड और रोडसाइड होटल्स को बंद करने का आदेश दिया है। बिना अनुमति के सार्वजनिक भोज और आयोजनों पर भी रोक लगा दी गई है।
जाजपुर जिले में अब तक 45 मोबाइल हेल्थ कैंप लगाए गए हैं और 40 मोबाइल मेडिकल टीमें लोगों की जांच कर रही हैं। अस्पतालों में हर 30 मिनट में सफाई और कीटाणुशोधन किया जा रहा है। राजधानी भुवनेश्वर के कैपिटल अस्पताल में डायरिया के मरीजों के लिए अलग वार्ड भी बना दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने लोगों से अपील की है कि साफ पानी पिएं, खुले में बिकने वाले खाने से बचें और किसी भी लक्षण पर तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं।