ऑस्ट्रेलिया में आम चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। यहां तीन मई को आम चुनाव होंगे। चुनाव में पीएम एंथनी अल्बानीज सरकार दूसरी बार तीन साल के कार्यकाल के लिए संघर्ष करेगी। वहीं बढ़ती महंगाई और आवास की कमी चुनाव में बड़ा मुद्दा होगा।चुनाव की तारीखों का एलान होने से पहले पीएम एंथनी अल्बानीज ने गर्वनर जनरल सैम मोस्टिन से मुलाकात की। इसके बाद संसद भवन में तारीख की घोषणा की। अल्बानीज ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दुनिया ने ऑस्ट्रेलिया पर बहुत कुछ फेंका है। अनिश्चित समय में हम यह तय नहीं कर सकते कि हमें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन हम यह तय कर सकते हैं कि हम कैसे जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने वैश्विक चुनौतियों का सामना ऑस्ट्रेलियाई तरीके से करने का विकल्प चुना है। भविष्य के लिए निर्माण करते हुए जीवन-यापन की लागत के दबाव में लोगों की मदद करना।लोगों को उम्मीद है इस बार आम चुनाव में विपक्षी नेता पीटर डटन के रूढ़िवादी गठबंधन को प्रतिनिधि सभा में काफी सीटें मिलेंगीं। मौजूदा लेबर पार्टी के पास प्रतिनिधि सभा की 151 सीटों में से केवल 77 सीटें हैं। ग्रीन्स पार्टी के नेता एडम बैंड्ट ने कहा कि अगर लेबर पार्टी हमारी मांगों को पूरा करती है, तो उनके सांसद लेबर अल्पसंख्यक सरकार का समर्थन करेंगे। हमारी मांग नई कोयला और गैस निष्कर्षण परियोजनाओं पर प्रतिबंध, सभी के लिए मुफ्त दंत चिकित्सा प्रदान करना और किराये में वृद्धि को सीमित करना है। उन्होंने कहा कि चुनाव में अल्पमत सरकार बनने की संभावना है। यह पीटर डटन को बाहर रखने और लेबर को आवास संकट और जलवायु एवं पर्यावरण संकट पर कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करने का मौका है। ऑस्ट्रेलिया के आम चुनाव में कई मुद्दे अहम होंगे। देश में पिछले चुनाव के बाद से 12 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। इससे जीवन-यापन के दबाव में वृद्धि हुई है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक ने फरवरी में बेंचमार्क नकद दर को एक चौथाई प्रतिशत घटाकर 4.1 प्रतिशत कर दिया। अल्बानीज ने पांच वर्षों में 1.2 मिलियन घर बनाकर आवास की कमी को कम करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
वहीं विपक्षी नेता डटन ने आवास के लिए प्रतिस्पर्धा को कम करने का वादा किया है। वह ऑस्ट्रेलियाई लोगों को नए घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट पर अपने अनिवार्य कार्यस्थल पेंशन फंड में बचत खर्च करने की भी अनुमति देगा। दोनों दलों ने 2050 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को शून्य तक कम करने का संकल्प लिया है। लेकिन सरकार कोयले और गैस की जगह सौर पैनल और पवन टर्बाइन सहित नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर करेगी। जबकि विपक्ष ने सात राज्य-वित्तपोषित परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की बात कही है।