बीजिंग। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक सहयोग और साझेदारी को नई दिशा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने घोषणा की है कि अगला एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन चीन में आयोजित किया जाएगा। जिनपिंग ने कहा कि “अब समय आ गया है जब एशिया-प्रशांत सहयोग का नया दौर शुरू किया जाए, जो साझा विकास, पारस्परिक विश्वास और स्थायी शांति पर आधारित हो।”
शनिवार को हुए एपीईसी नेताओं के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि चीन सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को अधिक खुला, समावेशी और नवाचार-आधारित बनाना चाहता है। उन्होंने कहा, “एशिया-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक विकास का इंजन है। हमें विभाजन नहीं, सहयोग को आगे बढ़ाना होगा। चीन सभी के लिए साझा समृद्धि की दिशा में प्रतिबद्ध है।”
जिनपिंग ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि नई तकनीकों, हरित ऊर्जा, और व्यापारिक साझेदारी के क्षेत्रों में देशों को एक साथ काम करना चाहिए ताकि वैश्विक आपूर्ति शृंखलाएं मजबूत हों और विकास समान रूप से वितरित किया जा सके। उन्होंने अगले वर्ष चीन में होने वाले एपीईसी शिखर सम्मेलन को “नई शुरुआत” बताया और कहा कि यह आयोजन सदस्य देशों के बीच विश्वास और सहयोग को और गहरा करेगा।
कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक, चीन आगामी सम्मेलन में डिजिटल व्यापार, हरित निवेश, और सतत विकास को एजेंडे में प्राथमिकता देगा। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि शिखर सम्मेलन के दौरान क्षेत्रीय व्यापारिक तनावों को कम करने और आपसी बाजार पहुंच को बढ़ाने पर सहमति बन सकती है।
एपीईसी (Asia-Pacific Economic Cooperation) मंच में 21 सदस्य देश शामिल हैं, जिनमें अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, रूस और भारत के पड़ोसी एशियाई देश शामिल हैं। यह संगठन वैश्विक जीडीपी के लगभग 60 प्रतिशत और विश्व व्यापार के 50 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
विश्लेषकों का कहना है कि चीन में होने वाला यह सम्मेलन ऐसे समय पर आयोजित होगा जब विश्व अर्थव्यवस्था मंदी और भू-राजनीतिक तनावों से गुजर रही है। इसलिए, यह बैठक एशिया-प्रशांत देशों के बीच संतुलित और स्थिर आर्थिक ढांचे को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभा सकती है।





