भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएआई) की पांच सदस्यीय टीम ने गुजरात के द्वारका के तट पर पानी के भीतर महत्वपूर्ण खोज शुरू की है। संस्कृति मंत्रालय ने इसके बारे में मंगलवार को जानकारी दी और बताया कि टीम में महिला सदस्य भी शामिल हैं।संस्कृति मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह खोज पानी के भीतर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए एएसआई के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंत्रालय ने बताया कि यह खोज एएसआई की विंग (यूएडब्ल्यू) द्वारा की जा रही है, जिसे हाल ही में पुनर्जीवित किया गया है। यह विंग द्वारका और बेट द्वारका के किनारे खोज और जांच कर रही है। मंत्रालय ने बताया कि एएसआई के पांच पुरातत्वविदों की टीम का नेतृत्व अतिरिक्त महानिदेशक (पुरातत्व) प्रोफेसर आलोक त्रिपाठी द्वारा किया जा रहा है। इस टीम ने द्वारका के तट पर पानी के भीतर खोज शुरू कर दी है। टीम में उत्खनन एवं अन्वेषण निदेशक एचके नायक, सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद् अपराजिता शर्मा, पूनम विंद और राजकुमारी बारबीना भी शामिल हैं। टीम ने प्रारंभिक जांच के लिए गोमती क्रीक के पास एक क्षेत्र का चयन किया है। मत्रालय के बयान के अनुसार, एएसआई की टीम में पहली बार, बड़ी संख्या में महिला पुरातत्वविद् शामिल हैं। इसके साथ ही पानी के नीचे जांच में सक्रिय रूप से भाग लेने वालों में भी सबसे ज्यादा संख्या महिला पुरातत्वविदों की है।