टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया ने अपने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क में बड़ा बदलाव करते हुए मध्य जुलाई तक बड़े विमानों की उड़ानों में 15 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला लिया है। एयरलाइन ने यह निर्णय बोइंग 777 जैसे बड़े विमानों की सुरक्षा जांच बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है।
बीते कुछ दिनों से एअर इंडिया को लगातार ऑपरेशनल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले छह दिनों में कम से कम 83 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द की जा चुकी हैं। एयरलाइन ने स्पष्ट किया है कि उसकी इंजीनियरिंग और पायलट टीमें एहतियात और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन कर रही हैं।
बुधवार को एयर इंडिया ने तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तकनीकी कारणों से रद्द किया। इनमें से दो उड़ानों को यात्रियों के बोर्डिंग के बाद रद्द किया गया।
- टोरंटो-दिल्ली फ्लाइट AI-188 को रखरखाव संबंधी मानकों के तहत रद्द किया गया। यात्रियों को विमान से उतारना पड़ा।
- दुबई-दिल्ली फ्लाइट AI-996 भी तकनीकी खामी के कारण रद्द की गई।
- वहीं, दिल्ली से बाली जा रही फ्लाइट AI-2145 को ज्वालामुखी विस्फोट की सूचना के बाद सुरक्षा कारणों से बीच रास्ते से वापस दिल्ली लौटाया गया, जहां सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया।
एयर इंडिया ने कहा है कि यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था के ज़रिए गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है और उन्हें पूर्ण धनवापसी का विकल्प भी दिया गया है।
इस बीच डीजीसीए ने एअर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े की निगरानी और अधिक कड़ी कर दी है। यह फैसला हाल ही में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुई एक विमान घटना के बाद लिया गया।
वहीं, हैदराबाद के बेगमपेट एयरपोर्ट पर बम की सूचना ने बुधवार को हड़कंप मचा दिया। ईमेल के जरिए बम की सूचना मिलने के बाद बम निरोधक दस्ते और अग्निशमन विभाग की मदद से thorough तलाशी ली गई। हालांकि, जांच में यह सूचना फर्जी निकली, और मामले की जांच जारी है।
इसके अलावा, मौसम की मार ने भी फ्लाइट संचालन को प्रभावित किया। दिल्ली में भारी बारिश और फ्लाइट डायवर्जन के कारण मुंबई-लखनऊ एअर इंडिया फ्लाइट को अचानक रद्द करना पड़ा।
अन्य उड़ानें भी प्रभावित हुईं:
- कोलकाता-लखनऊ इंडिगो फ्लाइट 6E-856 – 30 मिनट देरी
- लखनऊ-दिल्ली AI-2478 – 1 घंटा 15 मिनट देरी
- AI-2461 (लखनऊ से) – 1.5 घंटे देरी
- AI-811 – 1 घंटा देरी
इन घटनाओं से साफ है कि एयरलाइन सेक्टर तकनीकी, मौसम और सुरक्षा संबंधी कारणों से गंभीर दबाव में है। एअर इंडिया की ओर से सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन यात्रियों की असुविधा और उड़ान स्थिरता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।