Friday, December 26, 2025

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ऋषिकेश: छात्र संघ अध्यक्ष और पुलिसकर्मियों के बीच कोतवाली में तीखी नोकझोंक

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में कोतवाली परिसर उस समय अखाड़ा बन गया जब छात्र संघ अध्यक्ष और पुलिसकर्मियों के बीच किसी बात को लेकर तीखी बहस हो गई। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि बड़ी संख्या में छात्र कोतवाली में जमा हो गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। छात्र नेताओं का आरोप है कि एक कांस्टेबल ने उनके साथ न केवल बदसलूकी की, बल्कि बेहद अशोभनीय भाषा का भी प्रयोग किया।

मामले की जड़: एक विवाद से शुरू हुई तकरार

जानकारी के अनुसार, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर के छात्र संघ अध्यक्ष किसी काम के सिलसिले में कोतवाली पहुँचे थे। बताया जा रहा है कि वहां मौजूद एक पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ उनकी किसी विषय पर चर्चा हो रही थी, जो देखते ही देखते विवाद में बदल गई। छात्रों का दावा है कि पुलिसकर्मी का व्यवहार शुरू से ही आक्रामक था और उसने पद की गरिमा के विरुद्ध जाकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया।

कोतवाली में छात्रों का जमावड़ा और नारेबाजी

जैसे ही छात्र संघ अध्यक्ष के साथ हुई अभद्रता की खबर कॉलेज परिसर में फैली, दर्जनों छात्र कोतवाली पहुँच गए। आक्रोशित छात्रों ने कोतवाली के भीतर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों की मांग थी कि दोषी कॉन्स्टेबल को तुरंत निलंबित किया जाए और वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। हंगामे के चलते कोतवाली का कामकाज भी कुछ देर के लिए प्रभावित रहा।

पुलिस और छात्र नेताओं के बीच वार्ता

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली के वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने आक्रोशित छात्रों को शांत कराने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे सीसीटीवी फुटेज और मौके पर मौजूद अन्य गवाहों के आधार पर घटना की सत्यता का पता लगा रहे हैं।

अधिकारियों का पक्ष

स्थानीय पुलिस प्रशासन ने इस मामले पर कहा कि वर्दीधारी और नागरिक के बीच संवाद का एक तरीका होता है, जिसे किसी को भी नहीं तोड़ना चाहिए। यदि जांच में पुलिसकर्मी की गलती पाई जाती है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर, छात्र संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।

देर शाम तक दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोशिशें जारी रहीं, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर पुलिस और युवाओं के बीच बढ़ते अविश्वास की खाई को उजागर कर दिया है।

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