उत्तराखंड के उद्योगों में इसी साल अगस्त तक स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा हो जाएगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत एलटी और एचटी उद्योगों में बिजली की असल खपत की जानकारी माहवार पता चल सकेगी।
नियामक आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा ने यूपीसीएल को जारी टैरिफ आदेश में कहा है कि स्मार्ट मीटर लगाने की समयसीमा तय की गई है। सभी एचटी उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर 30 जून तक लगाने होंगे। यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों के आवास पर भी स्मार्ट मीटर 30 जून तक लगाने होंगे। सभी सरकारी कार्यालयों, सरकारी आवास आदि पर स्मार्ट मीटर 30 सितंबर तक लगाने होंगे। एलटी उपभाक्ताओं के स्मार्ट मीटर 31 अगस्त तक लगाने होंगे।
नियामक आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि यूपीसीएल टाइम ब्लॉक के हिसाब से स्मार्ट मीटर से बिजली खपत का डाटा उपलब्ध कराएं। ताकि ये देखा जा सके कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली खपत और राजस्व पर इसका क्या असर पड़ा।
वर्षों से लंबित बिजली बिलों को यूपीसीएल माफ करेगा। नियामक आयोग ने इसके लिए यूपीसीएल को इस वित्तीय वर्ष तक का समय दिया है। अब यूपीसीएल प्रबंधन को ऐसे सभी बिलों की छंटनी करनी होगी, जिनका बिल माफ किया जाएगा। ऐसे तमाम उपभोक्ता हैं, जो कि लंबे समय से गायब हैं। खासतौर से ऐसे उपभोक्ता हैं जो कि यूपी से बंटवारे से हिस्से में आए थे लेकिन यूपीसीएल उन्हें तलाश करने में विफल रहा है।