इथियोपिया में 10 हजार साल बाद हुए हैली गब्बिन ज्वालामुखी विस्फोट का असर भारत तक पहुंच गया है। विस्फोट के बाद उठी राख का विशाल बादल 25,000 से 45,000 फीट की ऊंचाई पर फैल गया है, जिससे दिल्ली, राजस्थान और उत्तर भारत के कई हिस्सों में इसका प्रभाव महसूस किया जा रहा है।
इस स्थिति के कारण कन्नूर से अबू धाबी जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 1433 को अहमदाबाद डायवर्ट करना पड़ा। इसके अलावा अकासा एयर, इंडिगो और कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रूट बदले गए हैं और कुछ उड़ानें रद्द भी की गई हैं।
राजधानी दिल्ली में भी इसका असर दिखने लगा है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया और जहरीला स्मॉग छा गया। आनंद विहार, एम्स और सफदरजंग के आसपास दृश्यता कम हो गई है।
सिविल एविएशन के नियामक डीजीसीए ने एयरलाइंस को चेतावनी जारी की है कि वे राख वाले क्षेत्रों और ऊंचाइयों से दूर उड़ान भरें, रूट बदलें और इंजनों की जांच करें। वैज्ञानिकों का कहना है कि सतह पर हवा की गुणवत्ता पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों के लिए यह खतरा बना रहेगा।





