कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर उत्तर बंगाल के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित इलाकों के ग्राउंड जीरो दौरे पर जाएंगी। मुख्यमंत्री वहां चल रहे राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लेंगी तथा स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगी। हालांकि विपक्ष ने उनके इस दौरे को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह “प्रशासनिक से अधिक राजनीतिक” प्रतीत होता है।
राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री का यह दौरा दो दिनों का होगा। इस दौरान वह दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों के कई प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करेंगी। हाल की भारी बारिश के कारण उत्तर बंगाल के कई क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है, जिससे सैकड़ों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यक्रम के मुताबिक, वह राहत शिविरों में ठहरे लोगों से सीधे मुलाकात करेंगी और उनकी समस्याएं सुनेंगी। साथ ही, प्रभावित इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सड़क मरम्मत, बिजली बहाली और पुनर्वास योजनाओं की समीक्षा भी करेंगी। राज्य सरकार ने राहत वितरण और मुआवजा प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
विपक्ष ने उठाए सवाल
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री के इस दौरे पर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का यह दौरा प्रशासनिक कम और राजनीतिक ज्यादा है। उनका कहना है कि यह दौरा विपक्षी नेताओं के आरोपों को कमजोर करने और आगामी पंचायत चुनावों से पहले जनसमर्थन हासिल करने का प्रयास है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री का ग्राउंड जीरो दौरा तब होता है जब मीडिया में सरकार की आलोचना बढ़ने लगती है। सवाल यह है कि इतने दिनों से प्रभावित लोग राहत के इंतजार में क्यों हैं?”
टीएमसी का पलटवार
वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री लगातार आपदा की स्थिति में जनता के बीच जाती रही हैं और राहत कार्यों की निगरानी करती रही हैं। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “मुख्यमंत्री जनता के साथ खड़ी हैं। जो नेता सिर्फ बयानबाजी करते हैं, उन्हें लोगों के दर्द का अंदाजा नहीं है।”
प्रशासनिक समीक्षा बैठकें भी होंगी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने दौरे के दौरान स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेटों के साथ समीक्षा बैठकें भी करेंगी। इसमें आपदा प्रबंधन, राहत वितरण, सड़क मरम्मत और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर रिपोर्ट ली जाएगी।
गौरतलब है कि उत्तर बंगाल के कई इलाकों में पिछले दो हफ्तों से लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सड़कों के कट जाने, पुलों को नुकसान और गांवों में जलभराव से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार ने अब तक सैकड़ों परिवारों को अस्थायी शिविरों में शिफ्ट किया है।
मुख्यमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब राज्य सरकार पर राहत कार्यों की धीमी रफ्तार को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है। अब देखना यह होगा कि ममता बनर्जी का यह “ग्राउंड जीरो दौरा” जनता के भरोसे को कितना बहाल कर पाता है।


