देहरादून। उत्तराखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा विस्तार होने जा रहा है। राज्य सरकार दो नए विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी कर रही है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एक विश्वविद्यालय कौशल विकास आधारित होगा, जबकि दूसरा नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों और अन्य बेसहारा बच्चों के लिए विशेष आवासीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया जाएगा। इन दोनों विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए प्रस्ताव जल्द ही राज्य कैबिनेट के समक्ष लाया जाएगा।
डॉ. रावत के अनुसार, कौशल आधारित विश्वविद्यालय में 25 व्यावसायिक और तकनीकी कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसका उद्देश्य युवाओं को रोजगारोन्मुख शिक्षा देना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय राज्य के युवाओं को पारंपरिक शिक्षा से आगे बढ़कर उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
वहीं, आवासीय विश्वविद्यालय की स्थापना माध्यमिक शिक्षा विभाग के नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों के बच्चों और अन्य अनाथ या बेसहारा छात्रों के लिए की जाएगी। इस विश्वविद्यालय में ऐसे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा का अवसर मिलेगा, जो आर्थिक या सामाजिक कारणों से सामान्य विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते। सरकार का मानना है कि इससे सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और वंचित तबकों के बच्चों को बेहतर भविष्य की राह मिलेगी।
उच्च शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में पांच राज्य विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध 118 सरकारी महाविद्यालय संचालित हैं। इसके अलावा राज्य में 26 निजी विश्वविद्यालय, 244 निजी महाविद्यालय और 21 अशासकीय महाविद्यालय हैं। साथ ही तीन तकनीकी संस्थान और एक आयुर्वेद चिकित्सा संस्थान भी कार्यरत हैं। अब दो नए विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव से राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था में और मजबूती आने की उम्मीद है।
सरकार का दावा है कि इन विश्वविद्यालयों की स्थापना से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि युवाओं को कौशल विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस मंच भी मिलेगा।




