देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां बुनियादी शिक्षा के लिए राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा (State Curriculum Framework) तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप तैयार की गई यह रूपरेखा राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, व्यावहारिक और स्थानीय परिवेश से जुड़ी शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य की यह नई पाठ्यचर्या न केवल विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास पर केंद्रित है, बल्कि नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों, स्थानीय भाषाओं, पारंपरिक ज्ञान, लोकसंस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों को ध्यान में रखकर यह रूपरेखा तैयार की गई है, ताकि बच्चे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और आधुनिक शिक्षा की दिशा में भी अग्रसर हों।
सीएम धामी ने शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि टीम भावना और सतत प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र में निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में तकनीकी शिक्षा, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लर्निंग को भी तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पाठ्यचर्या से राज्य के स्कूलों में शिक्षण प्रक्रिया अधिक रोचक और व्यवहारिक होगी। विद्यार्थियों को रट्टा प्रणाली से बाहर निकालकर ‘सीखने के अनुभव’ पर बल दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह रूपरेखा जल्द ही पूरे राज्य के सभी विद्यालयों में लागू की जाएगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा के तहत कक्षा एक से आठ तक के लिए विषयवार और स्तरवार दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं। इसमें स्थानीय उदाहरणों, गतिविधि आधारित शिक्षण और मूल्य आधारित शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है।
सीएम धामी ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नए भारत के नए नागरिक’ बनाने के विजन की दिशा में उत्तराखंड का सशक्त योगदान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को रोजगार से जोड़ने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।


