देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहकारिता के क्षेत्र में राज्य की एक बड़ी उपलब्धि की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने अपनी सभी प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (PACS) का पूर्ण रूप से डिजिटलीकरण कर दिया है। इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आने के साथ-साथ किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना और भी आसान हो जाएगा।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
मुख्यमंत्री धामी ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि राज्य की सभी 670 सहकारी समितियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि “डिजिटल इंडिया” के विजन को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार ने सहकारिता ढांचे को हाई-टेक बनाया है। अब समितियों के कामकाज में मानवीय हस्तक्षेप कम होगा, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और बैंकिंग कार्यों में तेजी आएगी।
किसानों को मिलेगी बैंकिंग की हाई-टेक सुविधा
समितियों के डिजिटल होने से अब प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को भी वैसी ही बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी जैसी बड़े शहरों में मिलती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसान अपने ऋण आवेदन, खाद-बीज की उपलब्धता और अपने खातों का विवरण एक क्लिक पर देख सकेंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि बिचौलियों की भूमिका भी पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
केंद्र सरकार ने भी सराहा उत्तराखंड का मॉडल
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि उत्तराखंड के इस ‘कोऑपरेटिव डिजिटल मॉडल’ को केंद्र सरकार ने भी सराहा है। अन्य राज्य भी अब उत्तराखंड की इस प्रणाली का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को साकार करने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।
भविष्य की योजनाएं: हर गाँव तक डिजिटल पहुँच
सरकार की योजना अब इन डिजिटल समितियों के माध्यम से अन्य सरकारी सेवाओं को भी ग्रामीणों तक पहुँचाने की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समितियों के माध्यम से कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की सुविधाएं भी प्रदान की जाएं, ताकि ग्रामीणों को प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों के लिए शहरों के चक्कर न काटने पड़ें।





