Wednesday, September 10, 2025

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उत्तरकाशी क्लाउडबर्स्ट: खीरगंगा से आए 2.51 लाख टन मलबे ने धराली को तबाह किया, हर्षिल पर अब भी मंडरा रहा खतरा

उत्तरकाशी। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में खीरगंगा क्षेत्र में आई आपदा ने धराली गांव में तबाही मचा दी थी। विशेषज्ञों की मानें तो इस क्लाउडबर्स्ट के दौरान करीब 2.51 लाख टन मलबा खीरगंगा से नीचे आया, जिसने धराली और आसपास के क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। हालांकि अब हालात कुछ सामान्य दिख रहे हैं, लेकिन खतरा अभी भी टला नहीं है।

धराली में तबाही का मंजर

आपदा के समय खीरगंगा से बहकर आया भारी मलबा और बोल्डर सीधे धराली गांव तक पहुंच गया। इस दौरान कई मकानों को नुकसान हुआ, खेत बह गए और स्थानीय लोगों को जान बचाने के लिए घर छोड़ने पड़े। नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल पैदा हो गया था।

हर्षिल पर भी खतरे के बादल

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि खतरा सिर्फ धराली तक सीमित नहीं है। हर्षिल घाटी पर भी आपदा का साया मंडरा रहा है। भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि खीरगंगा की ऊपरी ढलानों में अब भी बड़ी मात्रा में अस्थिर चट्टानें और मलबा जमा है, जो भविष्य में भारी बारिश या किसी और आपदा की स्थिति में फिर से नीचे आ सकता है। इससे हर्षिल और उसके आस-पास बसे गांवों के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।

विशेषज्ञों की रिपोर्ट

भूवैज्ञानिकों और आपदा प्रबंधन टीमों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ है कि इस इलाके की पहाड़ियां लगातार कमजोर हो रही हैं। जमीन में दरारें बढ़ने के कारण किसी भी समय बड़े पैमाने पर भूस्खलन हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हर्षिल क्षेत्र में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है और प्रशासन को पहले से ही वैकल्पिक इंतजाम करने चाहिए।

स्थानीय लोगों की चिंता

धराली और हर्षिल के ग्रामीण अब भी भय के साए में जी रहे हैं। उनका कहना है कि हर बारिश उनके लिए आफत लेकर आती है। लोग लगातार प्रशासन से सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने और जोखिम वाले क्षेत्रों में राहत कार्य तेज करने की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। आपदा प्रबंधन विभाग ने भी टीमें तैनात की हैं और संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि हर्षिल और धराली में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

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