Wednesday, November 19, 2025

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ईरान के उप विदेश मंत्री से मिले जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार शाम ईरान के उप विदेश मंत्री डॉ. तखत रावानची से मुलाकात की। जयशंकर और ईरानी उप विदेशी मंत्री के बीच मुलाकात के दौरान चाबहार बंदरगाह समेत द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत हुई। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात की जानकारी दी। भारतीय विदेश मंत्री ने लिखा, दोनों नेताओं ने भारत और ईरान के द्विपक्षीय संबंधों, चाबहार बंदरगाह की प्रगति और क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की। ईरानी उप विदेशी मंत्री का भारत दौरे का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और चाबहार बंदरगाह के निर्माण की प्रगति पर चर्चा करना है। भारत और ईरान ने शुक्रवार को चाबहार बंदरगाह के संयुक्त विकास और द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की। दिल्ली में आयोजित 19वें भारत-ईरान विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) में ईरानी पक्ष ने भारत को ईरान से कच्चे तेल की खरीद फिर से शुरू करने का अनुरोध किया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चर्चा में अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया और दक्षिण काकेशस की स्थिति सहित वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी चर्चा हुई। इस दौरान विदेश सचिव ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास में सहयोग में चाबहार बंदरगाह के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं, दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) और एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।इससे पहले एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने कहा कि तेहरान भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति फिर से शुरू करने के तरीकों पर विचार कर रहा है। साथ ही चाबहार बंदरगाह के माध्यम से पेट्रो-रसायन क्षेत्र सहित समग्र व्यापार का विस्तार करने का इच्छुक है। उन्होंने कहा था कि चाबहार बंदरगाह के विकास ने भारत और ईरान के लिए व्यापार और आर्थिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किए हैं। यह बंदरगाह तेहरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे से बाहर है।

बता दें कि ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों में बढ़ावा देना है। 2019 से ईरान पर अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बाद से भारत ने ईरान से कच्चा तेल नहीं खरीदा है। एफओसी वार्ता में ईरानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप विदेश मंत्री माजिद तख्त रवांची ने किया, जबकि भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने किया।

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