ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की। इस दौरान ईरानी राष्ट्रपति ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और साथ ही आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया। पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। यह भारत में बीते दशक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था, जिसने दुनिया को झकझोर कर रख दिया। भारत का समर्थन करते हुए ईरानी राष्ट्रपति ने आतंकवाद को जड़ से मिटाने की जरूरत पर बल दिया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘ये दुखद घटनाएं क्षेत्र के सभी देशों की साझा जिम्मेदारी को बढ़ाती हैं और सहानुभूति, एकजुटता और घनिष्ठ सहयोग के माध्यम से आतंकवाद की जड़ों को मिटाने के लिए मजबूर करती हैं, तभी क्षेत्र में स्थायी शांति और सौहार्द सुनिश्चित हो सकेगा।’ उन्होंने भारत के संस्थापक नेताओं महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विरासत का भी उल्लेख किया और उन्हें ‘शांति और मित्रता के दूत’ कहा। भारत में स्थित ईरानी दूतावास ने बताया कि राष्ट्रपति पेजेशकियन ने कहा कि ईरान, भारत और महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू जैसे इसके प्रमुख नेताओं – जो शांति, मित्रता और सह-अस्तित्व के दूत थे – का बहुत सम्मान करता है। राष्ट्रपति ने यह भी उम्मीद जताई कि भारत की यह भावना सभी देशों के साथ संबंधों में बनी रहेगी।पेजेशकियन ने भारत और ईरान के बीच व्यापार और बुनियादी ढांचे के सहयोग के विस्तार की भी उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि ईरान में चाबहार बंदरगाह के विकास से भारत, ईरान और रूस के बीच इस क्षेत्र में रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। बता दें कि भारत द्वारा विकसित चाबहार बंदरगाह को मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के लिए प्रवेश द्वार माना जाता है। ईरान राष्ट्रपति ने दोनों देशों में सहयोग बढ़ाने के लिए पीएम मोदी को तेहरान भी आमंत्रित किया है।