रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अंकित तिवारी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। पिछले साल दिसंबर में अंकित तिवारी को रिश्वत लेने के आरोप में तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने गिरफ्तार किया था। अदालत ने कुछ शर्तों के साथ अंकित तिवारी को अंतरिम जमानत दी है, जिसमें गवाहों को प्रभावित नहीं करने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और बिना अनुमति तमिलनाडु से बाहर न जाना शामिल है। मदुरै स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी अंकित तिवारी ने एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। दरअसल, अंकित तिवारी ने कानूनी कार्रवाई से बचने के एवज में सरकारी कर्मचारी से तीन करोड़ रुपये देने को कहा था। बाद में कहा कि उसने अपने वरिष्ठों से बात की और उनके निर्देशों के अनुसार वह रिश्वत के रूप में 51 लाख रुपये लेने के लिए सहमत हो गए हैं। एक नवंबर को कर्मचारी ने उन्हें रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये दिए। बाद में तिवारी ने कर्मचारी को व्हाट्सएप कॉल और टेक्स्ट मैसेज करके कई बार धमकाया कि उसे 51 लाख रुपये की पूरी राशि का भुगतान करना होगा, नहीं तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।