हमास और इस्राइल बीते 11 महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। वहीं, हमास भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। इन सबके बीच, इस्राइली युद्ध कैबिनेट के पूर्व सदस्य बेनी गैंट्ज ने चेतावनी दी कि इस्राइल को हिजबुल्ला और लेबनानी सीमा की ओर ध्यान देना चाहिए। यहां पहले ही देर हो चुकी है। दरअसल, साल 2011 में सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत के बाद से इस्राइल और ईरानी समर्थक समूह आए दिन एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं। इस पर लेबनानी समूह का कहना है कि वह गाजा में चल रहे युद्ध में अपने सहयोगी हमास के समर्थन में काम कर रहा है। बेनी गैंट्ज ने कहा कि हमारे पास गाजा में निपटने के लिए पर्याप्त सैनिक हैं। अब हमें उत्तर में क्या हो रहा इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वाशिंगटन में एक मध्य पूर्व मंच पर उन्होंने यह भी कहा कि असली समस्या ईरान और उसके प्रतिनिधि हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘उत्तर (नॉर्थ) का समय आ गया है और वास्तव में मुझे लगता है कि हमें इस पर देर हो गई है।’पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि सात अक्तूबर को हमास द्वारा किए हमले के बाद इस्राइल ने जवाबी कार्रवाई करने के लिए अधिकतर उत्तर को खाली करने की गलती कर दी थी। हमास के हमले के बाद हिजबुल्ला के साथ शत्रुता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि गाजा में हमने स्थिति को संभाल लिया है। हम गाजा में जो चाहें कर सकते हैं। हमें अपने बंधकों को छुड़ाने के लिए एक सौदा करना चाहिए। लेकिन अगर हम आने वाले समय में, कुछ दिनों या कुछ हफ्तों में या जो कुछ भी हो, ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो हमें उत्तर की ओर ध्यान देना चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी तो हम लेबनान के राज्यों पर हमला करने के लिए सक्षम हैं। हमास की खबरें पुरानी हैं। ईरान और उसके सहयोगियों द्वारा क्षेत्र के चारों ओर जो करने की कोशिश की जा रही है वो अब वास्तविक मुद्दा है।’
गैंट्ज ने जून में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार का साथ युद्ध के बाद की योजना की कमी को लेकर छोड़ दिया था। गौरतलब है, सात अक्तूबर को दक्षिणी इस्राइल में हुए आतंकवादी हमले में 1205 लोग मारे गए थे और लगभग ढाई सौ लोगों को बंधक बनाया गया था। इनमें से अभी 97 गाजा में ही है, जबकि 33 बंधकों की मौत हो चुकी है। हमास के जिस समूह ने इस्राइल पर हमला किया था, उसका नेतृत्व याह्या सिनवर ने ही किया था। इसके बाद इस्राइल ने जवाबी कार्रवाई की, जो अभी भी जारी है।