राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। मुर्मू ने इटली के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी का स्वागत करते हुए यह टिप्पणी की, जो राष्ट्रपति भवन में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उनसे मिलने आए थे। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और इटली दोनों ही प्राचीन सभ्यतागत विरासत में निहित हैं। दर्शन, साहित्य और कला के माध्यम से दुनिया को योगदान देने का हमारा गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और इटली सदियों से व्यापार और लोगों तथा विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। राष्ट्रपति ने कहा, भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि और 2047 तक ‘विकसित भारत’ का रोडमैप औद्योगिक साझेदारी और सहयोग के लिए अनेक मौके प्रदान करता है। उन्होंने इतालवी कंपनियों और सार्वजनिक उपक्रमों को भारत में अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया, विशेष रूप से विनिर्माण और सह-उत्पादन के लिए।राष्ट्रपति ने इतालवी हरित प्रौद्योगिकी कंपनियों से भारतीय उद्योग के साथ सहयोग और साझेदारी की संभावनाओं का पता लगाने का भी आग्रह किया। मुर्मू ने कहा, इतालवी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर खोलने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश वर्तमान युग में जी-20 जैसे बहुपक्षीय प्लेटफार्मों पर एक साथ काम करने के अलावा उभरती प्रौद्योगिकियों, नवाचार और रक्षा में निकटता से सहयोग कर रहे हैं। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी आने वाले समय में नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी।भारत और इटली ने व्यापार, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। साथ ही महत्वाकांक्षी भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप-आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) के क्रियान्वयन में संयुक्त रूप से काम करने का संकल्प लिया। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना (जेएसएपी) 2025-29 संरचना के तहत भारत-इटली सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और इतालवी उप प्रधान मंत्री एंटोनियो तजानी के बीच शुक्रवार को बातचीत हुई। बता दें कि तजानी शुक्रवार से भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में जयशंकर और तजानी ने जेएसएपी के दायरे में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। इसमें व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण और लोगों से लोगों के बीच संबंध जैसे क्षेत्र शामिल थे। दोनों मंत्रियों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर, दूरसंचार, डिजिटल प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, जैव ईंधन, शिक्षा और युवाओं तथा पेशेवरों की गतिशीलता के क्षेत्रों में भारत-इटली सहयोग की विशाल संभावनाओं पर भी विमर्श किया।