Thursday, March 20, 2025

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आधुनिक प्रौद्योगिकियों ने युद्ध के आयाम को बदला

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अत्याधुनिक और अग्रणी प्रौद्योगिकियों ने युद्ध के आयाम को बदल दिया है। इनके कारण आधुनिक युद्ध की मारक क्षमता में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा, हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग और क्लीन-टेक जैसी परिवर्तनकारी तकनीकों में अग्रणी भूमिका निभानी होगी। युद्ध की परिस्थितियां तेजी से हार्डवेयर से सॉफ्टवेयर की ओर परिवर्तित हो रही हैं। राजनाथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर यहां डीआरडीओ की ओर से आयोजित विज्ञान वैभव-2025 समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने युवाओं से वैज्ञानिक सोच विकसित करने और सरकार के प्रयासों से देश में स्थापित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बुनियादी ढांचे का सर्वोत्तम उपयोग करने का आह्वान किया, ताकि अग्रणी प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्टता हासिल की जा सके। रक्षा मंत्री ने कहा, यदि भारत के पास महत्वपूर्ण तकनीकी चुनौतियों का समाधान है तो देश प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मजबूत और सुरक्षित रह सकता है। हमारे युवाओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए सामान्य से आगे जाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के शब्दों को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था, विज्ञान मानवता के लिए एक सुंदर उपहार है, हमें इसे विकृत नहीं करना चाहिए, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए इसका उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार लोगों के कल्याण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने को प्रतिबद्ध है। रक्षा मंत्री ने तेलंगाना के हैदराबाद में स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों के डिजाइन और विकास के केंद्र डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। उन्होंने लंबी दूरी वाली हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल परियोजना की टीम को भी सम्मानित किया, जिसकी उड़ान का सफल परीक्षण नवंबर 2024 में हुआ। सफल परीक्षण ने भारत को हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताओं वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है।

राजनाथ ने कहा, प्रत्येक युवा में प्रतिभा और दुनिया को हिला देने की क्षमता है। बस इसे पहचानने और इसे हासिल करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं में अपार क्षमता है। सरकार का प्रयास है कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उनकी क्षमताओं का उपयोग किया जाए। रक्षा मंत्री कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र और राज्यों की संयुक्त जिम्मेदारी है कि हमारी भावी पीढ़ी को सर्वोत्तम शिक्षा मिले और कोई भी बच्चा अच्छी शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) ने फील्ड वर्क, प्रैक्टिकल और अनुसंधान जैसे गतिशील तत्वों को शामिल करके हमारी शिक्षा प्रणाली की प्रकृति में बड़ा बदलाव किया है।

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