शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल की रिमांड को अदालत ने चार दिन यानी एक अप्रैल तक बढ़ा दिया है। इसी बीच भाजपा ने आम आदमी पार्टी से कुछ गंभीर प्रश्न किए हैं, जिसका जवाब आने के बाद आप के कुछ नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा ने आम आदमी पार्टी नेताओं से यह प्रश्न पूछा है कि आखिर उन्हें प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल का पत्र कैसे मिला?
इसके पहले अमर उजाला ने संविधान के विशेषज्ञों से बात की थी। उनका मानना था कि प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में जेल में बंद कोई व्यक्ति पत्राचार नहीं कर सकता। सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति को भी जेल में रहने के बाद इस तरह के आदेश-निर्देश पत्र जारी करने की अनुमति नहीं होती। लेकिन इसी बीच भाजपा ने अरविंद केजरीवाल से पांच सवाल कर उसके लिए स्थिति असहज कर दी है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर आम आदमी पार्टी नेताओं से पूछा है कि दिल्ली की जनता मंत्री आतिशी से जानना चाहती है कि उन्होंने जो पत्र मुख्यमंत्री केजरीवाल का पत्र कह कर दिखाया वह उनके पास कहां से आया? किसने उन्हें वह पत्र दिया? वरिष्ठ वकील आभा सिंह और अश्विनी उपाध्याय का मानना है कि विशेष परिस्थितियों में जेल में बंद व्यक्ति को पत्र लिखने या हस्ताक्षर करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन इसके लिए अधिकारियों से पूर्वानुमति ली जाती है। इसके बारे में जेल अधिकारियों को पूरी सूचना दी जाती है। यदि अरविंद केजरीवाल ने बिना अनुमति के पत्र लिखे हैं, या उन पर हस्ताक्षर किये हैं तो इस मामले में उन पर नया मामला दर्ज किया जा सकता है।