12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद आग के गोले में बदल गई, जिसमें 260 से अधिक यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे की वजह अब तक सामने नहीं आ पाई है, लेकिन भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए भारत सरकार और एअर इंडिया एक्शन मोड में हैं।
टाटा ग्रुप और सरकार के बीच लगातार बैठकें
सरकार ने इस हादसे को बेहद गंभीरता से लिया है। एअर इंडिया का प्रबंधन संभाल रही टाटा ग्रुप की ओर से चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने लगातार तीन दिन तक एअर इंडिया के अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा से मुलाकात की।
बैठकों का उद्देश्य था — उड़ानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना, यात्रियों का विश्वास लौटाना और ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति को हर हाल में रोकना।
क्या होंगे संभावित सुधार?
बैठकों में जिन बिंदुओं पर विशेष चर्चा हुई, उनमें शामिल हैं:
- विमान मेंटेनेंस की प्रक्रिया को आधुनिक और सख्त बनाना
- एयर ट्रैफिक कम्युनिकेशन को एआई और एडवांस टेक्नोलॉजी से बेहतर बनाना
- पुराने विमानों की चरणबद्ध विदाई और नए विमानों की खरीद
- सुरक्षा प्रोटोकॉल का रिव्यू और कर्मचारियों के लिए नई ट्रेनिंग
- इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को और तेज़ और तकनीकी बनाना
सरकार और एयरलाइंस दोनों सक्रिय
टाटा ग्रुप ने सरकार को भरोसा दिलाया है कि एअर इंडिया यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर ज़रूरी कदम उठाएगी। सरकार की ओर से भी आश्वासन दिया गया है कि सुरक्षा से जुड़े किसी भी प्रस्ताव में नीतिगत और वित्तीय सहायता देने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
जल्द दिख सकते हैं परिणाम
इन बैठकों के निष्कर्षों के आधार पर जल्द ही एक एक्शन प्लान जारी किया जा सकता है, जिसमें समयबद्ध सुधारों की रूपरेखा होगी। हादसे के बाद यात्री जिस असमंजस और भय में हैं, उन्हें भरोसा दिलाना एअर इंडिया और सरकार दोनों की प्राथमिकता है।