मणिपुर में पिछले साल से हिंसा जारी है। राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक इस जंग को शांत कराने की कोशिश कर रही है। इसके लिए लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। हिंसा में इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों की बरामदगी के लिए एक मार्च से अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत भारतीय सुरक्षाबलों ने एक तलाशी अभियान चलाया और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए। असम राइफल्स ने एक गुप्त सूचना पर मोरेह के एलोरा होटल के सामान्य क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने आठ पिस्तौल, 10 देशी आईईडी, तीन हथगोले और गोला-बारूद जब्त किए। बरामद हथियार और गोला-बारूद पुलिस को सौंप दिए गए थे।
हिंसा की शुरुआत मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।